प्रधानमंत्री मोदी ने रामनगरी में 15,700 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास
अयोध्या। आने वाली 22 जनवरी के जिस क्षण की प्रतीक्षा में पूरा देश अधीर है, आकुल है, शनिवार को यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वह दिन दीवाली जैसे उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया।
विनम्र भाव से हाथ जोड़ते हुए उन्होंने 140 करोड़ भारतवासियों से प्रार्थना की कि वे संकल्प लें कि जब अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला विराजमान हों तो अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं।
22 जनवरी को हिंदुस्तान की शाम जगमग होनी चाहिए। बोले, एक समय था जब अयोध्या ही नहीं, देश में भी विकास की उपेक्षा हुई थी। आज पक्का घर सिर्फ रामलला को नहीं, देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है।
46 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के अपने संकल्प को सिद्ध करते हुए प्रधानमंत्री शनिवार को रामनगरी में 15,700 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
अयोध्या को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए उन्होंने 1450 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का उद्घाटन किया तो इससे पहले 240 करोड़ रुपये खर्च कर पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेल जंक्शन का लोकार्पण भी किया। नए रेल जंक्शन से उन्होंने दो अमृत भारत और छह वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 35 मिनट के संबोधन में मोदी ने विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, यदि काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प हुआ है तो देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन भी बनाए जा रहे हैं।
आज सिर्फ केदारधाम का ही पुनरोद्धार नहीं हो रहा, 315 से अधिक मेडिकल कालेज भी बने हैं। सिर्फ महाकाल के लोक का ही निर्माण नहीं हो रहा, स्वच्छ पेयजल के लिए दो लाख से अधिक टंकियों का निर्माण भी हुआ है। हम चांद, सूरज और समुद्र की गहराइयों को नाप रहे हैं तो विदेश से अपनी पौराणिक मूर्तियों को रिकार्ड संख्या में वापस ला रहे हैं।
हवाई अड्डा के समीप जनसभा में उन्होंने ‘अयोध्या जी में सभी लोगों को मेरा प्रणाम’ कह कर अपना संबोधन शुरू किया। इससे पहले ठिठुरन भरी ठंड में रोड शो के दौरान लोगों के प्रेम से अभिभूत दिखे मोदी ने कहा कि अयोध्यावासियों का यह उत्साह और उमंग स्वाभाविक है। मैं भारत के कण-कण और जन-जन का पुजारी हूं। उस क्षण के दर्शन के लिए मैं भी आपकी तरह ही उत्सुक हूं। कहा कि 30 दिसंबर को ही वर्ष 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अंडमान में झंडा फहरा कर भारतीय आजादी का जयघोष किया था।
आजादी से जुड़े इस पावन दिवस पर अयोध्या के श्रृंगार से सुखद अनुभूति हो रही है। कहा कि दुनिया में किसी भी देश को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अपनी विरासत को संभालना ही होगा। विकास और विरासत की साझा ताकत 21वीं सदी में भारत को सबसे ज्यादा आगे ले जाएगी। देश आज पुरातन और नूतन को आत्मसात कर आगे बढ़ रहा है।
अयोध्या को सबसे स्वच्छ बनाएं
प्रधानमंत्री ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति से लेकर 22 जनवरी तक देश के सभी तीर्थस्थलों में स्वच्छता अभियान संचालित करने को भी कहा। यह भी जोड़ा कि जब प्रभु श्रीराम आ रहे हों तो कोई मंदिर, तीर्थस्थल गंदा नहीं रहना चाहिए। कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या में देश के अनगिनत लोग आएंगे। यह सिलसिला अनंत काल तक चलेगा। इसके लिए अयोध्यावासियों को अपने शहर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प लेना होगा। स्वच्छ अयोध्या यहां के वासियों की जिम्मेदारी है।
550 साल इंतजार किया, कुछ दिन और करें
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर किसी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की इच्छा है, लेकिन ऐसा संभव नहीं है। रामभक्तों से प्रार्थना है कि वे 22 जनवरी को विधि-विधान से कार्यक्रम संपन्न होने पर 23 जनवरी के के बाद अपनी सुविधानुसार अयोध्या आएं ताकि सुरक्षा और व्यवस्था के लिए कोई चुनौती न खड़ी हो। कहा कि प्रभु राम को तकलीफ हो, ऐसा रामभक्त नहीं कर सकते। भव्य राम मंदिर सदा के लिए है। देशवासियों ने जब 550 साल इंतजार किया तो कुछ दिन और कर लें।
वाल्मीकि ने हमें श्रीराम के कृतित्व से परिचित कराया
नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण महर्षि वाल्मीकि की स्मृति में करने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि महर्षि ने ही हम सबको प्रभु श्रीराम के कृतित्व से परिचित कराया। यह नाम हर यात्री को धन्य करेगा। वाल्मीकि रचित रामायण वह ज्ञानमार्ग है जो हमें प्रभु राम से जोड़ता है। नवनिर्मित हवाई अड्डा में अभी हर साल 10 लाख यात्रियों के आने-जाने की सुविधा है। दूसरा चरण पूरा होने पर साल भर में यहां से 60 लाख लोग आ-जा सकेंगे।