देहरादून। भ्रष्टाचार के प्रकरणों पर पुष्कर सिंह धामी सरकार निरंतर कड़े प्रहार कर रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अनियमितता बरतने के आरोपों की पुष्टि के बाद देहरादून जिले के अंतर्गत रायपुर के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पंवार को निलंबित कर दिया गया है।
रायपुर क्षेत्र में पीएमकेएसवाई के अंतर्गत हो रहे कार्यों को लेकर शासन को शिकायतें मिली थीं। यही नहीं, पिछले वर्ष अक्टूबर में जन शिकायत निवारण दिवस में क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी के समक्ष यह मामला उठाते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
इस बीच शासन ने रायपुर के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पंवार को कृषि निदेशालय से संबद्ध कर उन पर लगे पीएमकेएसवाई में अनियमितता के आरोपों की जांच कराई।
इसमें शिकायतों की पुष्टि होने के बाद कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रकरण में कड़ी कार्रवाई के निर्देश सचिव एवं महानिदेशक को दिए थे। कृषि एवं उद्यान सचिव विनोद कुमार सुमन ने शुक्रवार को कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी पंवार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।
निलंबन आदेश के अनुसार कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर ने सरकारी खाते से 87.38 लाख रुपये बचत खाते में हस्तांतरित किए। इसी बचत खाते से मिनी व माइक्रो स्प्रिंकलर सेट का भुगतान किया गया, जबकि यह सरकारी खाते से होना चाहिए था। कृषकों के आवेदन पत्रों व शपथ पत्रों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर पाए गए। अधिकांश जियो टैगिंग के फोटोग्राफ्स व स्प्रिंकलर सेट के फोटोग्राफ भी गलत लगाए गए थे।
कृषि एवं उद्यान सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस मामले में देहरादून की मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्य कृषि अधिकारी को भेजे नोटिस में उन्होंने रायपुर क्षेत्र में पीएमकेएसवाई में अनियमितता के प्रकरण की जांच आख्या का हवाला देते हुए कहा कि योजना के क्रियान्वयन के समय एवं पश्चात मुख्य कृषि अधिकारी ने सत्यापन व निरीक्षण नहीं किया। यह उनके कार्य व दायित्वों के अनुसार अपेक्षित था। मुख्य कृषि अधिकारी को 15 दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि एवं उद्यान सचिव ने महानिदेशक कृषि एवं उद्यान को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि रायपुर के न्याय पंचायत प्रभारी वीरेंद्र सिंह नेगी व तत्कालीन विकासखंड प्रभारी विनोद धस्माना (अब सेवानिवृत्त) से भी स्पष्टीकरण लिया जाए। दोनों पर गांवों में मिनी व माइक्रो स्प्रिंकलर सेट और स्प्रिंकलर सेटों का मौके पर जाकर सत्यापन न करने का आरोप है।