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हल्द्वानी। पौष माह के प्रथम रविवार से यहां पारमंपरिक विशिष्ठ कुमाऊनी बैठकी होली गायन का शुभारंभ हो चुका है। ज्ञातव्य है कि कुमाऊ के विभिन्न अंचलो में पौष माह के प्रथम रविवार से बैठकी होली का गायन किया जाता है ।

जिसमें विभिन्न राग-रागनियों जैसे श्याम कल्याण, झिजौठी, काफी, जंगला काफी, खम्माज, सहाना, देश, जैयजयवंती, विहाग, बागेश्वरी, परज तथा भैरवी आदि शास्त्रीय रागों पर आधारित होली गायन किया जाता है।

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बैठक में उपस्थित सभी सदस्य गायन में सहयोग करते है। पौष माह से लेकर उत्तरायणि पर्व तक भक्ति प्रधान व वैराग्य से संबंधित पदों का गायन होता है। तत्पश्चात उत्तरायणी पर्व से लेकर शिवरात्रि तक राधा-कृष्ण से संबंधित श्रंगार रस पर आधारित पदों का गायन होता है।

अंत में शिव रात्रि से छलड़ी आर्थीक होली तक रंग भरी पदों का गायन होता है। हल्द्वानी में  हिमांशु गुरुरानी के “गौरा कैम्पलैक्स में बैठकी होली का नियमित सायं 6 बजे गायन होता है।

बैठक का प्रारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया जाता है। प्रारंभ में  धरणीधर पाण्डे जी द्वारा धम्मार तथा राग श्याम कल्याण में जग के पालन हार-का गायन किया, आपके साथ तबला संगत प्रमोद तिवारी (कन्नू) तथा हारमोनियम संगत  संदीप गोरखा द्वारा की गयी।

तदपश्चात्  संदीप गोरखा नरेन्द्र पंत, राजेन्द्र कोठारी, दिनेश तिवारी, प्रमोद तिवारी, हेम त्रिवेदी, प्रभात पाण्डे, प्रकाश पंत, कैलाश जोशी (तन्नू) व अरूण पाण्डे द्वारा विभिन्न रागो पर आधारित होली गायन किया गया। 

तबला संगत  धरणीधर पाण्डे, प्रमोद तिवारी, चन्द्र शेखर द्वारा की गयी। इसी क्रम में मुखानी स्थित  दिनेश तिवारी  के आवास में, हर रविवार को सायं होली गायन किया जाता है।

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