आईटी सेक्टर में नई नियुक्तियां फिर से शुरू होंगी। अगले छह महीनों में 40,000 से अधिक नए युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी।
यह पिछले एक साल पहले की तुलना में कम है। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर जैसे-जैसे आईटी सेवाओं की मांग बढ़ेगी, नौकरियां भी बढ़ेंगी।
गौरतलब है कि पिछली कुछ तिमाही आईटी क्षेत्र में नई भर्तियों को लेकर निराशाजनक रही। राजस्व के मुताबिक शीर्ष पांच भारतीय आईटी कंपनियों की कर्मचारियों की संख्या 2023 में लगभग 65,000 कम हो गई। नौकरी डॉट कॉम के अनुसार, दिसंबर 2023 में इस सेक्टर में नई नौकरियों की संख्या दिसंबर 2022 की तुलना में 21 फीसदी और सितंबर 2023 की तुलना में चार फीसदी घटी। आईटी कंपनियों ने आईटी सेवाओं की मांग कम होने के चलते नई नियुक्तियां नहीं की। जैसे-जैसे मांग में तेजी आएगी, वैसे-वैसे नियुक्तियां भी बढ़ाई जाएंगी।
इंफोसिस में सबसे अधिक घटी नई नौकरियों की संख्या: मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस द्वारा सबसे कम नई नौकरी की पेशकश की। वर्ष 2022 की तुलना में 24182 कम नौकरियां दी गईं। वहीं, विप्रो में 21875 कम भर्तियां की गईं। टेक महिंद्रा में 10818 कम कर्मचारी रखे। टीसीएस में भी 10669 कम भर्तियां की गईं। सिर्फ एचसीएल टेक में वर्ष 2023 में 2486 लोगों को नौकरी दी।
कोरोना काल में बढ़ी थीं नियुक्तियां: कोरोना संक्रमण काल के दौरान आईटी कंपनियों में नियुक्तियों की होड़ मची थी। ग्राहक तेज गति से डिजिटल तकनीकों को अपना रहे थे। गार्टनर के अनुसार, वर्ष 2021 में आईटी सेवाओं की वैश्विक मांग 12.8 फीसदी बढ़ी थी। जब परामर्श फर्म ने जुलाई 2022 में 200 से अधिक मुख्य वित्तीय अधिकारियों (सीएफओ) का सर्वेक्षण किया तो 69 फीसदी ने डिजिटल टेक्नोलॉजी पर अपना खर्च बढ़ाने की योजना बनाई।
आईटी सेवाओं की मांग पर निर्भरता: नई नियुक्तियां आईटी सेवाओं की मांग पर निर्भर करती हैं। गार्टनर ने जनवरी की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वर्ष 2023 में आईटी पर 3.3 फीसदी खर्च बढ़ा, जो वर्ष 2022 से केवल 0.3 फीसदी अधिक था। वर्ष 2024 में समग्र आईटी खर्च में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। वर्ष 2023 में आईटी क्षेत्र में दर्ज 5.8 फीसदी की बढ़ोतरी की अपेक्षा वर्ष 2024 में 8.7 फीसदी की तेजी की उम्मीद है।