संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने स्व. गोविन्द सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत का किया औचक निरीक्षण।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। आज स्व. गोविन्द सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत का संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने औचक निरीक्षण किया।
बता दे कि स्व. गोविन्द सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत इस क्षेत्र का सबसे बड़ा चिकित्सालय है। यहा पर दूर दराज से कई मरीज प्रतिदिन ईलाज के लिए आते है।
मरीजो को उस समय निराशा मिलती है, जब मरीज का ईलाज ना होकर उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया जाता है। जिसके बारे मे कई बार उच्च अधिकारियो को बताया भी गया है। फिर भी परेशानियो का समाधान नही हो पाना यह दर्शाता है कि सरकार इस पर कोई ध्यान नही दे पा रही है।
जहा एक तरफ सरकार यह कहती है कि हर मरीज को सभी प्रकार का ईलाज उसी के नजदीक स्थित चिकित्सालय मे मिल जाए। लेकिन मरीजो के लिए यह एक सपना सा है। जहा सरकार ने जन औषधि केन्द्र के माध्यम से मरीजो को सस्ती दवाई दिलवाने के लिए जन औषधि केन्द्र खोले थे।
वहा आज यह देखा जा रहा है कि जो दवाई डाँक्टर सहाब लिखते है वह दवाई जन औषधि केन्द्र मे उपलब्ध नही होती है।
इस प्रकार मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्ही परेशानियो को देखते हुए आज सयुंक्त मजिस्ट्रेट ने यहा का औचक निरीक्षण किया।
उन्होंने चिकित्सालय के संचालन में कुछ कमियां पाई। जिनके बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया की इन कमियो को पूरा किया जाए।
सयुंक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत वरूणा अग्रवाल ने कहा कि आज प्रातः हमारे द्वारा गोविंद सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय रानीखेत का औचक निरीक्षण किया गया। पहली बार सभी चिकित्सक कार्यालय में उपस्थित रहे और मरीजों का इलाज समय से हो रहा था।
चिकित्सालय के संचालन में कुछ कमियां पाई गई थी, जिनके बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अवगत करा दिया गया है। रानीखेत में क्षेत्र का मुख्य अस्पताल होने की वजह से रोजाना लगभग 300 से 400 मरीज उपचार के लिए आते हैं।
इसलिए मरीजों की सुविधा के लिए पंजीकरण को कम समय में सुचारू रूप से करने के लिए पंजीकरण बूथ में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। समय पर दवाई मिलना, आयुष्मान कार्ड संबंधी रियायत और मामले सुचारू रूप से कैसे संचालित किया जाएं, इनपर निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि मरीजों की एक बड़ी शिकायत रहती है कि यहां से बहुत से केस रेफर किए जाते हैं। इस संबंध में अस्पताल के रेफर रजिस्टर का भी निरीक्षण किया गया और संबंधित दिशा निर्देश दिए गए।
एक और शिकायत जन औषधि केंद्र के समंधित की गई थी। निरीक्षण के समय जन औषधि केंद्र को बंद पाया गया। जिसके संबंध में कठोर कार्रवाही हेतु उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए गए है कि जन औषधि केंद्र में वितरित होने वाला सभी औषधियों के स्टॉक और वितरण की प्रक्रिया की जांच कर हमें आख्या उपलब्ध करवाएं।
औचक निरीक्षण के समय मरीजों की सुविधा के लिए उपलब्ध ड्यूटी चार्ट पर चिकित्सकों के नाम और फोन नंबर नहीं लिखे गए थे। इस पर दो दिन के भीतर इस अनियमित्तता में सुधार करने के निर्देश दिए गए है।
चिकित्सकों की उपलब्धि अनुसार उनके नाम और नंबर को ड्यूटी चार्ट पर अंकित किया जाएगा।