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सरकार शिक्षकों की भर्ती के लाखों दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट 

पहाड़ी जिलों में शिक्षकों की कमी  बनी हुई है कई प्राइमरी स्कूल एकल शिक्षकों के सहारे  तो वहीं जूनियर हाई स्कूलों में दो-तीन शिक्षकों के सहारे स्कूल चल रहे हैं।

कई स्कूलों में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक ही नहीं है जिससे शिक्षा व्यवस्था चौपट चल रही है। 

जिससे अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है।

 दूरदराज के ग्रामीण जिला मुख्यालय में अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं और अधिकारियों से महत्वपूर्ण विषयों के टीचरों की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं।

चंपावत।  जीआईसी दिगालीचौड़ में शिक्षकों की कमी को लेकर अभिभावक संघ ने डीएम नवनीत पांडे और सीईओ मेहरबान सिंह बिष्ट को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि निजी वाहन बुक कर 200 रुपये किराया देकर आए हैं।

मंगलवार को पीटीए अध्यक्ष रोशन राम के नेतृत्व में अभिभावकों ने शिक्षकों की कमी को लेकर ज्ञापन दिया।

अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में वर्तमान 448 छात्र संख्या हैं, लेकिन स्कूल में हाईस्कूल और इंटर में विज्ञान में विषयों में एक भी शिक्षक तैनात नहीं हैं।
इससे बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है।

साल 2023 में स्कूल का चयन पीएम श्री के लिए हुआ था, लेकिन 2024 में शिक्षकों के स्थानांतरित हो जाने से हाईस्कूल में विज्ञान, कला और इंटर में संस्कृत, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों का अभाव हो गया है।
उन्होंने स्कूल में जल्द तैनाती की मांग की है। डीएम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही स्कूल में शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

इस दौरान पुष्कर सिंह, लक्ष्मण सिंह, कमला देवी, पार्वती देवी, आन सिंह, सुरेश सिंह, मीना देवी, मुन्नी देवी आदि मौजूद रहे।

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