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“प्रधानाचार्य टेढ़ी भर्ती” के विरोध में राजकीय शिक्षक संघ ने चॉक डाउन का आह्वान किया।

रिपोर्टर बलवंत सिंह रावत

रानीखेत। शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल छात्रों को शिक्षित करते हैं, बल्कि उन्हें सही और गलत का भेद भी सिखाते हैं। ऐसे में जब शिक्षकों को उनके अधिकारों या उनकी गरिमा के खिलाफ कुछ दिखता है, तो उनका विरोध करना स्वाभाविक है।

हाल ही में, “प्रधानाचार्य टेढ़ी भर्ती” के विरोध में राजकीय शिक्षक संघ ने चॉक डाउन का आह्वान किया। इस संदर्भ में, मैं यह अवगत कराना चाहता हूँ कि मैं इस आह्वान के समर्थन में हूँ और कल विद्यालय में अध्यापन कार्य नहीं करूँगा।

सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से शिक्षक समुदाय में असंतोष है, और यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है। शिक्षक संघ ने इस निर्णय का विरोध किया है, और इस निर्णय के निरस्त होने तक हम संघर्ष करेंगे।

हालांकि, हम सभी जानते हैं कि हमारे इस कदम से छात्रों के शिक्षण कार्य में व्यवधान उत्पन्न होगा, लेकिन यह विरोध आवश्यक है। जब सरकार शिक्षक समुदाय की आवाज़ नहीं सुनती, तो ऐसे विरोध का सहारा लेना ही पड़ता है।

हमारी मांग है कि इस “टेढ़ी भर्ती” को निरस्त किया जाए, और इसके स्थान पर एक पारदर्शी और न्यायपूर्ण प्रक्रिया अपनाई जाए। शिक्षक संघ इस विरोध के माध्यम से सरकार को यह संदेश देना चाहता है कि शिक्षक समुदाय अपने अधिकारों और गरिमा के लिए खड़ा है और किसी भी गलत निर्णय का विरोध करने के लिए तैयार है।

इस प्रकार, यह विरोध न केवल हमारे अधिकारों के लिए है, बल्कि एक न्यायपूर्ण और पारदर्शी शिक्षण प्रणाली के लिए भी है।

जीवन चन्द्र तिवारी

ब्लाक मंत्री ताड़ीखेत

रा० शि० संघ उत्तराखण्ड

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