मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित हो रहे अवैध मदरसों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद महज 9 दिनों में 3 अवैध मदरसों का खुलासा हुआ है।
इन अवैध मदरसों से 48 बच्चों को मुक्त कराया गया है। इनमें ज्यादातर नाबालिग लड़कियां हैं। धामी सरकार उत्तराखंड के सभी मदरसों की जांच के आदेश दे चुकी है।
कुछ दिनों पहले नैनीताल जिले के ज्योलिकोट में अवैध रूप से संचालित मदरसे का मामला सामने आया था। जिसमें मदरसे में पढ़ने वाले एक बच्चे के परिजनों ने डीएम को पत्र लिखकर मदरसे की सच्चाई बताई थी।
जिसके बाद प्रशासन की संयुक्त टीम ने मदरसे पर छापेमारी कर 24 बच्चों को वहां से रेस्क्यू कर मदरसे को सील कर दिया था।
बीते कुछ दिनों के भीतर ही उधमसिंह नगर जिले के किच्छा में दो और अवैध रूप से संचालित मदरसे सामने आए, जिन्हें सील कर दिया गया है।
बीते 13 अक्टूबर को उधम सिंह नगर के किच्छा के सिरौलीकला में एक अवैध रूप से संचालित मदरसे पर कार्रवाई की गई थी। साथ ही संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलभट्टा थाना पुलिस बाहरी संदिग्ध व्यक्तियों और मदरसों का सत्यापन कर रही थी। इस दौरान पुलिस जांच के लिए चार बीघा वार्ड 18 सिरोलीकलां स्थित जामिया खातमा मदरसे में पहुंची। वहां मौजूद महिला पीलीभीत के हरेरपुर हसन थाना के रहने वाली खातून बेगम मदरसे से संबंधित वैध कागजात नहीं दिखा पाई।
24 बच्चे मदरसे के अंधेरे कमरे में बंद मिल
इसके बाद मदरसे की जांच के दौरान 22 लड़कियां और दो लड़के अंधेरे कमरे में बंद मिले। पुलिस ने सभी 5 साल से 17 साल के बच्चों को अपने कब्जे में ले लिया. पूछताछ में खातून बेगम ने बताया कि वह और उसका पति इरशाद पिछले तीन-चार साल से मदरसा संचालित कर रहा है।