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दीपावली पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। खासकर केदारनाथ बद्रीनाथ समेत चारों धामों में दीपावली पर्व को खास अंदाज में मनाने की तैयारी है। इस बार केदारनाथ धाम में दीपावली पर्व को लेकर केदारसभा ने खास पहल की है।

केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं से केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने खास अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सभी लोगों से अपील कि दीपावली पर अगर धाम में आएं तो आतिशबाजी न करें। उन्होंने कहा है कि केदारनाथ में आतिशबाजी की जगह दीये जलाकर दीपोत्सव मनाएंगे।

पंड़ितों और ज्यो​तिषों का मत

जिसको लेकर खास तैयारियां की जा रही है। बदरीनाथ व केदारनाथ में एक नवंबर को ही दीपावली पर्व मनाया जाएगा। दीपावली को लेकर इस बार लोगों में काफी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पंड़ितों और ज्यो​तिषों का कहना है कि दीपावली को लेकर नहीं लक्ष्मी पूजन को लेकर दो मत हैं।

एक नवंबर को लेकर एक राय

उत्तराखंड में अधिकतर पंड़ित समाज और ज्योतिषाचार्यों का मत एक नवंबर को ही ​दीपावली पर्व मनाने का सामने आ रहा है। बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माचारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि धर्म शास्त्र के अनुसार एक तारीख को अमावस्या 6 बजे तक होने के कारण लक्ष्मी पूजन होना चाहिए। 29 को धनतेरस मनाएं, 30 को यमदीप दान, 31 को छोटी दीपावली, 1 नवंबर को दिन में पितृ पूजन करें ,उसके बाद शाम को 6 बजे के बाद लक्ष्मी पूजन कर दीपोत्सव मनाएं।

35 लाख का आंकड़ा पार

उधर चार धाम यात्रा के कपाट बंद होने की भी प्रक्रिया दीपावली के बाद शुरू होने जा रही है। सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट दो नवंबर को बंद होंगे। केदारनाथ धाम और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए तीन नवंबर को बंद होने हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे। अब तक तीर्थयात्रियों के दर्शन का 35 लाख का आंकड़ा पार हो चुका है।

केदारनाथ में सबसे ज्यादा पहुंचे

ऐसे में कपाट बंद होने के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस वर्ष अब तक यमुनोत्री में 6,93163, गंगोत्री में 7,93923, केदारनाथ में 14,73293 और बदरीनाथ धाम में 11, 95018 यात्रियों ने दर्शन किए हैं।

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