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नैनीताल।  पहाड़ी आर्मी के संस्थापक हरीश रावत को हाईकोर्ट से राहत मिली है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने बुधवार को हरीश रावत की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

उन पर एक व्यक्ति द्वारा एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।

याचिकाकर्ता हरीश रावत ने कोर्ट में कहा कि नवीन आर्य ने उनके खिलाफ आठ नवंबर 2024 को एक झूठी शिकायत कर एससी-एसटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत हल्द्वानी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें

हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए सभी पक्षकारों से जवाब दाखिल करने को कहा

जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल और गाली-गलौज करने का है आरोप

उनके खिलाफ जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने एवं गाली-गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि शिकायत कर्ता एक आपराधिक किस्म का व्यक्ति है, जो पिछले दो माह पहले ही वनभूलपुरा थाने में आठ वर्ष की बच्ची के अपहरण के मामले में बीएनएस की धारा 137 (2) में नामजद है।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए याचिकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

वहीं सभी पक्षकारों कारों को जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

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