स्थानीय का हो रहा पलायन, बाहरी बना रहे होम स्टे
बागेश्वर। कौसानी में होम स्टे के नाम पर मनमानी चल रही है। इसके लेकर जब प्रशासन ने जांच की तो पाया कि मानक के विपरीत कार्य किया जा रहा है।
इस आधार पर 10 होम स्टे संचालकों को नोटिस दिया गया है। दरअसल, भू उपयोग बदलने को लेकर इस समय प्रदेश भर में कड़ी कार्रवाई हो रही हैं।
कुमाऊं में ही लगभग 150 मामलों की जांच भी चल रही है। सरकार होमस्टे बनाने पर स्थानीय लोगों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना से ऋण दे रही है। स्वरोजगार के लिए मिलने वाले ऋण में 33 प्रतिशत तक सब्सिडी भी है।
तहसील प्रशासन ने नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की
कुछ लोगों ने होमस्टे के नाम पर ऋण लेकर भी अन्य काम किए हैं। जिसकी जांच भी वर्तमान में चलायनमान है। इसके अलावा जिले में अन्य राज्यों के लोगों ने 2005 से भूमि खरीदनी प्रारंभ की। कौसानी में आवासीय भूमि में होमस्टे बना दिए गए हैं। 10 लोगों को गरुड़ तहसील प्रशासन ने नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की है।
प्रशासन के अनुसार अवनीश कुमार झां 0.134 हेक्टेयर, अनीता कपूर 0.614 हेक्टेयर, अनीता ने 2005 में भूमि कृषि आधारित व्यवसाय एवं उद्योगों के प्रयोजन के लिए खरीदी। जिसमें पर्यटन होटल, पालीहाउस तथा फुलवारी बना दी। लक्ष्मी नागलाई दिल्ली के अवनीश कुमार झां ने 2022 में पर्यटन उद्योग के लिए भूमि खरीदी। वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहा है।
राज्य बनने के बाद लचर भू-कानूनों ने बाहरी लोगों के लिए रास्ते खोल दिए। कमजोर नियम कानूनों के कारण सरकारी योजनाओं का जो लाभ स्थानीय लोगों को मिलना था वह भी बाहरी पूंजीपति लोगों ने हड़प ली।
पर्यटन प्रदेश में स्थानीय लोगों के पलायन को रोकने के लिए बनी दीन दयाल उपाध्याय उत्तराखंड गृह आवास (होम स्टे) योजना तो बनी लेकिन इसका फायदा भी अधिकतर बाहरी लोगों को ही हुआ। यह लोग सरकारी योजना से मिलने वाले लाभ के लिए नियम, कानूनों को ताक पर रख धड़ल्ले से होम स्टे का निर्माण कर रहे हैं।