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अल्मोड़ा। उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तुला सिंह तड़ियाल ने एक प्रैस विज्ञप्ति जारी कर माननीय मुख्यमंत्री के उस बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।

जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री माननीय नितिन गडकरी को धनगढी नाले में पुल स्वीकृत करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया है उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा है कि, इस आशय का स्वीकृत पत्र प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन के पास पहुंच चुका है।

 तड़ियाल ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि, जिस पुल का आनलाइन उद्घाटन माननीय नितिन गडकरी भूतल एवं सड़क परिवहन मंत्री भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में ही कर दिया गया था जिसका ठेका भी विभाग द्वारा गाजियाबाद की एक कंपनी को दे दिया था।

इस कंपनी द्वारा यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए डाइवर्जन रोड़ तैयार कर पीलर बनाने का काम शुरू कर दिया था उन्होंने एक ही योजना पर सरकार की दोबारा स्वीकृति पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा की यदि पुल स्वीकृत नहीं हुआ था।

कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने बिना स्वीकृति के काम कैसे शुरू कर दिया ? आखिर विभाग ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए होंगे और एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही निमार्ण कंपनी को ठेका दिया होगा क्षेत्रीय जनता द्वारा आन्दोलन तो रूके हुए कार्य को प्रारंभ किए जाने को लेकर किया जा रहा था।

आखिर आधे अधूरे काम को छोड़कर कंपनी क्यों भाग गई ? मुख्यमंत्री महोदय द्वारा यह भी बताया गया कि अब इस पुल पर 29.65 करोड़ रुपए की लागत आएगी जबकि पहले इसका टैंडर तकरीबन 17 करोड़ में हुआ था क्या इस पुल के लिए दोबारा सर्वे कराई गई ? इसका सीधा उत्तर है। 

केन्द्र सरकार ने आनन-फानन में पुल का स्वीकृत पत्र राज्य सरकार को कैसे भेज दिया ? यहां सवाल यह भी उठता है कि, जिन इंजीनियरों ने इस फ्लाईओवर का पहले प्राक्कलन तैयार किया क्या वह गलत था ? आदि ऐसे ही भ्रमित करने वाले प्रश्नों को लेकर जनता में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

तड़ियाल ने कहा मुख्यमंत्री का बयान धनगढी पुल संघर्ष समिति के आंदोलन को देखते हुए जनता को भ्रमित करने के लिए जारी किया गया है।

फिलहाल संघर्ष समिति ने सरकार के इस पत्र पर विश्वास जताते हुए 25 जनवरी तक अपना आन्दोलन स्थगित कर दिया है उनका कहना है

यदि निर्धारित अवधि तक पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे पुनः आन्दोलन प्रारम्भ कर देंगे श्री तड़ियाल ने आगे कहा रामनगर – बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 309 देश के विभिन्न शहरों को उत्तराखंड से जोड़ने वाला एकमात्र सम्पर्क मार्ग है।

बरसात में इस नाले में अनेकों यात्री काल के ग्रास बन जाते हैं उत्तराखंड राज्य को बने 23 वर्ष हो गए हैं परन्तु किसी भी सरकार का ध्यान इस ओर नहीं गया यह मार्ग काफी संकरा व जीर्ण क्षीर्ण हालत में है आये दिन इस मार्ग पर दुर्घटनाएं होते रहती हैं गढ़वाल व कुमाऊं को जोड़ने वाले इस मार्ग में प्रतिदिन हजारों यात्री आवागमन करते हैं।

इस मार्ग से करीब एक दर्जन विधानसभा व दो से अधिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र प्रभावित होते हैं उन्होंने धनगढी पुल निर्माण संघर्ष समिति को बधाई दी है जिनके प्रयास से पिछले कई महीनों से कुमाऊं और गढ़वाल में अनेकों जनसभा कर जनता को सड़कों पर उतारा है।

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