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उच्च न्यायालय में कई महत्वपूर्ण निर्णय वाले मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी को आज फुल कोर्ट रेफरेंस के साथ भावभीनी विदाई दी गई

रिपोर्टर-  गुड्डू सिंह ठठोला

 नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में कई लैंडमार्क निर्णय लेने वाले मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी को आज फुल कोर्ट रेफरेंस के साथ भावभीनी विदाई दी गई।

वरिष्ठ न्यायाधीश मंनोज तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित और न्यायमूर्ति विवेक भर्ती शर्मा ने आज अंतिम बार मुख्य न्यायाधीश के साथ कोर्ट शेयर करी।

      नैनीताल उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में आज फूल कोर्ट रेफरेंस कर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी को अंतिम वर्किंग डे पर भावभीनी विदाई दी गई।

न्यायालय में शाम 3:30 बजे शुरू हुए रेफरेंस में न्यायालय के रजिस्ट्रार जर्नल अनुज कुमार संघल के साथ उच्चाधिकारी मौजूद रहे। रजिस्ट्रार ने कार्यक्रम शुरू करने की अनुमाती ली और राज्य सरकार के महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर ने मुख्य न्यायाधीश की शिक्षा और वकालत समेत 17 वर्ष न्यायाधीश के रूप में कटे समय की जानकारी दी।  

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी को विदाई देते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.सी.एस.रावत ने बताया की वर्ष 1961 में नागपुर में जन्में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के पिता और दादा भी अधिवक्ता थे।

उच्च न्यायालय में वरिष्ठ न्यायाधीश मंनोज तिवारी ने न्यायाधीश के सफल न्यायिक कार्यकाल के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि विपिन सांघी ने केंद्र सरकार के पूर्व अटॉर्नी जर्नल मुकुल रोहतगी के अंडर भी काम किया है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने दिल्ली हाइकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में 2006 में चार्ज लिया। उन्होंने ऊत्तराखण्ड के मुख्य न्यायाधीश की शपथ 28 जून 2020 को ली थी।

      मुख्य न्यायाधीश के कुछ लैंडमार्क जजमेंट में कॉर्बेट नैशनल पार्क में पेड़ काटने के मामले में सी.बी.आई.इंक्वायरी, नैनीताल के मैट्रोपोल होटल और बी.डी.पाण्डे अस्पताल भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश, ऊत्तराखण्ड की सड़कों किनारे से अतिक्रमण हटाने, नैनीताल नगर पालिका के चैयरमैन की शक्तियों को सीज करने के साथ अधिशासी अधिकारी को सस्पेंड करने जैसे निर्णय लिया। 

      फुल कोर्ट रेफरेंस में सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत, जी.ए. जी.एस.संधू, वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र पाल सिंह और अवतार सिंह रावत, गजेंद्र त्रिपाठी, देवेंद्र पाटनी, विपुल शर्मा, बार महासाचीव गौरव अधिकारी समेत सैकड़ों अधिवक्ता व अन्य मौजूद थे। इस मौके पर डी.आई.जी.योगेंद्र सिंह रावत, एस.एस.पी.प्रह्लाद मीणा आदि अधिकारी भी पहुंचे थे।

   मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि उन्होंने ऊत्तराखण्ड में बिताया समय एन्जॉय किया और इस नवगठित राज्य के सिस्टम को परिपक्व होने में अभी समय लगेगा।

 

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