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लद्दाख में सैन्य अभ्यास के दौरान सेना का टी-72 टैंक श्योक नदी में अचानक आई बाढ़ में डूब गया।

इस हादसे में एक जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए।

सेना के अनुसार यह घटना शुक्रवार-शनिवार की रात एक बजे एलएसी के पास न्योमा चुशूल इलाके में हुई।

पौड़ी। लद्मेंदाख  टी- 72 टैंक के नदी को पार करते समय जल स्तर बढ़ने में बलिदान हुए जवानों में एक जवान पौड़ी जनपद के विकासखंड पाबौ के बिशल्ड गांव का रहने वाला भूपेंद्र सिंह नेगी भी था।

ग्रामीण व गांव के रिश्ते में भाई विवेक ने बताया कि भूपेंद्र के बलिदान होने की सूचना स्वजन को मिली है।

भूपेंद्र की माता का पूर्व में ही निधन हो चुका है। भूपेंद्र की पत्नी तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए देहरादून में रहती हैं। साथ में बलिदानी के पिता भी उनके साथ देहरादून में रहते हैं। विवेक ने बताया कि करीब एक साल पहले वह गर्मियों की छुट्टी में वे घर आए थे।

सोमवार को पाबौ स्थित उनके पैतृक घाट में अंतिम संस्कार होगा। घटना के बाद से गांव में गांव में मातम छाया है। स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सैनिक का पार्थिव शरीर सोमवार तक पौड़ी के विशल्ड गांव आने की जानकारी मिली है।

सेना ने सभी सैनिकों के शव बरामद करलिए, इनकी पहचान एमआरके रेड्डी, सुभान खान, ई तेइबम, सादरबोनिया नागराजू और पौड़ी जिले के भूपेंद्र नेगी के रूप में हुई है। लेह में सेना के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार देर रात सैन्य अभ्यास चल रहा था। रात एक बजे पूर्वी लद्दाख में सासेर ब्रांग्सा इलाके में टैंक श्योक नदी को पार कर रहा था, तभी वो पानी में फंस गया।

सूचना मिलते ही सैन्य बचाव दल मौके पर पहुंचा। लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने और तेज बहाव के कारण बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका। टैंक तेज बहाव के साथ नदी में डूब गया, जिससे पांच जवान शहीद हो गए। घटना मंदिर मोड़ के पास हुई जो लेह से 143 किलोमीटर दूर है।

पौड़ी के भूपेंद्र नेगी भी हादसे में शहीद
लद्दाख की श्योक नदी का जलस्तर बढ़ने से हुए हादसे में उत्तराखंड निवासी जवान भूपेंद्र सिंह नेगी भी शहीद हुए हैं। भूपेंद्र मूलरूप से पौड़ी जिले में पाबौ ब्लॉक के विशल्ड गांव के रहने वाले थे।सेना की ओर से भी शहीद भूपेंद्र का पार्थिव शरीर गांव लाया जा रहा है।

लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास श्योक नदी का जल स्तर बढ़ने से सेना के पांच जवान बह गए थे। जानकारी के मुताबिक, सैन्य अभ्यास के बाद देर रात टी-72 टैंक वापस लौट रहा था। जो सासेर ब्रांगसा में श्योक नदी पार करते वक्त अचानक जल स्तर बढ़ने से डूब गया और पांचों जवान समेत टैंक डूब गया।

इस टैंक में भूपेंद्र नेगी भी सवार थे। उनके शहीद होने की सूचना के बाद देहरादून में रह रही पत्नी आशी, पिता कुंवर सिंह नेगी और बच्चे गांव के लिए रवाना हो गए हैं। भूपेंद्र सिंह का परिवार हाल में ही दिल्ली से देहरादून शिफ्ट हुआ था। वह यहां किराये पर रहकर अपना मकान बना रहे थे ।

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