उत्तराखंड उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर ने बलियानाले का ट्रीटमेंट का निरीक्षण किया
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर ने बलियानाले के ट्रीटमेंट के निरीक्षण किया। उन्हीने कहा कि 22 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, साथ ही कार्य गुणवत्ता से और मजबूती से किया जा रहा है।
नैनीताल की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाला बलियानाला लगातार खिसक रहा है, जिसके स्थिरीकरण और ट्रेटमेंट का कार्य जनवरी माह से प्रारंभ हो चुका है।
नैनीताल शहर के दक्षिणी छोर पर तल्लीताल क्षेत्र में बसे रईस होटल कम्पाउंड का एक बड़ा हिस्सा वर्षों से भूस्खलन प्रभावित रहा है।
जिसका आज महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पोलोवरम परियोजना प्राधिकरण, जल शक्ति मंत्रालय सरकार भारत के पूर्व प्रमुख (जियो) एनएचपीसी लिमिटेड विशेषज्ञ भास्कर दत्त पाटनी ने महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर को बताया कि भूस्खलन क्षेत्र को बचाने व मजबूती के प्रदान करने के लिए भूस्खलन क्षेत्र को मौनोलिथिक बनाने के साथ ग्राउटिंग की गई है, ताकि पहाड़ी को गिरने से रोका जा सके।
बलियानाले में भूस्खलन के कारण दरकी पहाड़ी को स्थायित्व प्रदान करने के लिए सेल्फ ड्रिलिंग एंकरिंग (SDA), पायलिंग, शॉर्टकिट, रेनफॉरेस्टमेंट, जिओ टेक्सटाइल आदि अन्य तकनीकी माध्यम से और स्लोप के माध्यम से पहाड़ी का ढलान काम करने करने के कार्य किया जा रहे हैं।
इस कार्य को भौगोलिक परिस्थिति के दृष्टिगत कई भागों में वितरित कर किया जा रहा है। इस मौके में मौजूद थे एसएन बाबुलकर,महाधिवक्ता उत्तराखंड हाईकोर्ट।सैय्यद नदीम मून, अधिवक्ता सचिव सिंचाई डॉ. आर राजेश कुमार, भू वैज्ञानिक बीडी पाटनी व मुख्य अभियंता स्तर दो संजय शुक्ला हेड कांस्टेबल अमित गहलोत आदि शामिल थे।