वननैनीताल बैंक के विनिवेश के नाम पर बैंक को निजी हाथों में देने के विरोध में बुधवार को बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर कार्य समाप्ति तक बैंक की शाखाओं के बाहर प्रदर्शन किया।
नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर कन्याल ने बताया कि बैंककर्मचारी कई वर्ष से नैनीताल बैंक को निजी हाथों में देने के बजाए बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) में विलय करने की मांग कर रहे हैं।
लोकसभा की याचिका समिति वर्ष 2018 में नैनीताल बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने के लिए अपनी संस्तुति दे चुकी है। वर्ष 2020 में पुनः अपनी चौथी रिपोर्ट के माध्यम से नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय संबंधित अपनी संस्तुति के क्रियान्वयन के लिए वित्त मंत्रालय को लिख चुकी है।
उन्होंने बताया कि इसी साल जनवरी में नैनीताल बैंक ऑफिसर यूनियन का शिष्टमंडल सांसद अनिल बलूनी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला था। उस वक्त वित्तमंत्री ने भी उनका मांगों के समाधान का आश्वासन दिया था।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के भारी विरोध के बाद 17 फरवरी को नोएडा स्थित नैनीताल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में टाउन हॉल मीटिंग का आयोजन किया गया था, जिसका मकसद समस्या का सौहार्दपूर्ण हल निकालना था।
बैठक में बैंक प्रबंधन और बैंक यूनियन के बीच सहमति बनी थी कि दस दिन में बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल और नैनीताल बैंक के संगठनों के बीच बैठक कर विनिवेश को रोकने तथा विलय संबंधी मांग पर चर्चा कर समस्या का हल निकाला जाएगा, लेकिन समयावधि समाप्त होने तथा कई बार पत्राचार के बाद भी उनकी मांगों को हल न करने पर कर्मचारियों में रोष है। ऐसे में एसोसिएशन ने 30 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है।