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हल्द्वानी। साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का  नया हथकंडा अपना लिया है। जालसाज निजी बैंकों की हूबहू नकली वेबसाइट्स बनाकर लोन, क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने और आकर्षक बैंक ऑफर के लालच में फंसाकर लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं।

पुलिस के अनुसार पिछले एक साल में दर्जनों शिकायतें मिली हैं, जिनमें पीड़ितों के खातों से लाखों रुपये उड़ा दिए गए। सीओ साइबर सुमित पांडेय बताते हैं आए दिन साइबर ठगी के तरीके बदल रहे हैं। ठग अब निजी बैंकों की वेबसाइट की सटीक नकल करते हैं। फर्जी वेबसाइट पर लोगो, फॉन्ट और लेआउट सब वैसा ही होता है जिससे आम आदमी आसानी से धोखा खा जाता है।

ठगों का जाल गूगल सर्च में ‘तत्काल लोन’ या ‘क्रेडिट कार्ड अपग्रेड’ जैसे कीवर्ड्स पर ऊपर आने वाली लिंक्स के जरिए बिछा होता है। इसके अलावा, एसएमएस, ईमेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप पर भी फर्जी लिंक्स भेजे जाते हैं।

एक क्लिक पर यूजर की निजी जानकारी चुरा ली जाती है। इस साल प्रदेश में 92 करोड़ की साइबर ठगी हुई है। — केस 1: हल्द्वानी के नवाबी रोड निवासी एक पीड़ित ने बताया कि उन्हें ईमेल आया कि उनका क्रेडिट लिमिट 5 लाख तक बढ़ाया जा सकता है।

लिंक पर क्लिक किया तो बैंक जैसी साइट खुली। पैन और बैंक का विवरण भर दिया, लेकिन अगले दिन अकाउंट खाली हो गया। केस 2: यूएसनगर में रुद्रपुर निवासी एक गृहिणी को फर्जी लोन ऑफर से दो लाख रुपये का चूना लगा दिया।

उन्हें व्हाट्सऐप पर एक लिंक भेजकर लोन के लिए ऑफर किया। महिला का कहना है कि उसने गूगल पर नंबर सर्च किया तो ठगों ने इसे ट्रेस कर लिया।

विदेशी सर्वर से ऑपरेट कर रहे ठग साइबर सेल के मुताबिक ठग घटनाओं को विदेशी सर्वरों से ऑपरेट करते हैं। इस कारण पुलिस अब आईपी ट्रैकिंग के साथ ही जागरूकता अभियान चला रही है। 

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