नैनीताल के पाषाण देवी मंदिर में लगभग 90 शादीशुदा बहनों को भटोली दी गई।
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। पाषाण देवी मंदिर में लगभग 90 शादीशुदा बहनों को भटोली दी गई। पंडित जगदीश चन्द्र भट्ट ने बताया विवाहित बहनों को चैत का महीना आते ही अपने मायके से आने वाली ‘भिटोली’ की सौगात का इंतजार रहता है।
इसी परंपरा को निभाते हुए पाषाण देवी मंदिर में बीते वर्ष से भिटौली दी जा रही है।
आपकों बता दे कि उत्तराखंड की संस्कृति, त्योहार और रीति रिवाजों को मनाने का अपना अलग अंदाज है। उत्तराखंड में ऐसे कई त्यौहार या पारंपरिक रीति रिवाज हैं, जो पूरी दुनिया में शायद ही कहीं होंगे।
इन्ही में से एक मुख्य लोकपर्व है भिटोली वास्तव में कोई त्योहार नहीं है, बल्कि यह दशकों से चली आ रही एक सामाजिक परंपरा है। जो हर विवाहित महिला के लिए खास है। भिटौली का मतलब है ।
भेंट करना या मुलाकात करना अपनी विवाहित बेटी या बहन से चैत्र मास के पहले दिन से ही भिटौली का यह महीना शुरू हो जाता है और पूरे महीने भर यह सिलसिला चलता रहता है।
हर कोई अपनी सुविधा के अनुसार अपनी बेटी या बहन के घर पहुंचकर उसे भेंट कर उसे उपहार स्वरूप कपड़े, पकवान, व अन्य भेंट करते है डॉ प्रगति जैन पुजारी जगदीश चंद्र भट्ट वर्षा आर्य कंचन आशीष पांडे आदि लोग मौजूद थे।
