ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

बेटियों ने बाप बेटी जैसे पवित्र रिश्ते को चंद दोस्तों के खातिर किया शर्मसार

बेटियों की करतूत की वजह से पिता को होना पड़ा शर्मसार

बेटियों से दुष्कर्म के आरोप से पांच साल बाद बरी हुआ पिता

विशेष न्यायाधीश पोक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने तत्काल आरोपी पिता को जेल से रिहा करने के आदेश दिए 

अदालत में पीड़िताओं के बयानों में विरोधाभास पाया गया। यही नहीं बचाव पक्ष यह साबित करने में सफल हो गया कि पीड़िताओं ने पिता पर ये आरोप अपने दोस्तों के कहने पर लगाए थे।

देहरादून। मामला वसंत विहार थाने में 25 दिसंबर 2019 को बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। उस वक्त दोनों बहनें नारी निकेतन केदारपुरम में रह रही थीं।

जांच रिपोर्ट के अनुसार बड़ी बहन की उम्र घटना के वक्त 15-16 वर्ष थी। उसने बाल कल्याण समिति को बताया था कि उसके पिता ने 29 अक्तूबर 2019 को उससे दुष्कर्म किया था।

यह बात उसने अपनी दादी और बुआ को बताई तो उन्होंने पिता को डांट भी लगाई थी। जबकि, छोटी बहन ने समिति को बताया था कि पिता ने उसके साथ भी गलत हरकत की है।

इस आधार पर पुलिस ने पीड़िताओं के पिता को गिरफ्तार कर लिया। मुकदमे में 17 फरवरी 2020 को चार्जशीट दाखिल कर दी गई। लेकिन, मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी।

अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। अदालत में जब बड़ी बहन के बयान हुए तो उसने घटना 29 अक्तूबर के बजाए 29 मार्च 2019 बताई। इससे विरोधाभास पैदा हुआ।

इसके साथ ही पीड़िता ने अपने बयानों में कोर्ट को बताया था कि जिस वक्त उसका पिता दुष्कर्म कर रहा था तब उसने उसे धक्का दिया था। वह चिल्लाई थी। इसे भी कोर्ट ने संदेह के घेरे में रखा।

उस वक्त कमरे में चारों भाई बहन थे। जब वह चिल्लाई तो कोई न कोई तो जाग जाता। इस आधार को भी बचाव पक्ष की दलीलों को मजबूती मिली।

इसके अलावा पीड़िताओं ने यह भी स्वीकार किया कि परवीन और शुभम नाम के दो युवक उनके संपर्क में थे। सभी अच्छे दोस्त थे।

उन्हीं के कहने पर उन्होंने अपने पिता के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराया है। इन सब तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी पिता को बरी करने के आदेश दिए।

यह भी पढ़ें :  आज का राशिफल : 19 नवंबर 2024

You missed

error: Content is protected !!