रामलीला संचालन समिति के व्यास श्री पुष्कर दत्त शास्त्री जी द्वारा मेघनाथ युद्ध, मेघनाथ वध, सुलोचना सती की लीला का मंचन किया गया।
रिपोर्टर अजय वर्मा
हल्द्वानी। श्री प्राचीन रामलीला मैदान में रामलीला संचालन समिति के व्यास श्री पुष्कर दत्त शास्त्री जी द्वारा मेघनाथ युद्ध, मेघनाथ वध, सुलोचना सती की लीला का मंचन किया गया।
तथा रात्रि लीला में व्यास जानकी दास जी द्वारा श्री रामेश्वरम स्थापना, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति एवं कुंभकरण वध की लीला का सुंदर चौपाई गा कर मंचन किया गया।
व्यास जी कहते हैं कि सती सुलोचना नागराज अनंत की पुत्री थीं, उनका विवाह रावण के पुत्र इंद्रजीत (मेघनाद) से हुआ था, जब लखन लाल जी द्वारा मेघनाद का वध हुआ, तो उसका सिर भगवान श्रीरामचंद्र के चरणों में और भुजा सुलोचना की गोद में जा कर गिरी।
सुलोचना ने भगवान श्री राम के पास जाकर प्रार्थना की और कहा कि वह अपने पति के साथ सती होना चाहती हैं अतः मुझे मेरे पति का सिर दे दिया जाए।
भगवान रामचंद्र जी ने मेघनाद का शीश उस को सौंप दिया।
सुलोचना ने लक्ष्मण जी से कहा कि उनका वध करने का पराक्रम किसी में नहीं था, यह तो आपकी पत्नी के सतित्व की शक्ति है जो ऐसा हुआ। सुलोचना ने प्रार्थना की कि अगर उसका पतिव्रत धर्म बना हुआ हो।
तो मेघनाद का सर हँसने लगे. मेघनाद का सर हँसने लगा और ऐसे दृश्य को देख रामादल ने सुलोचना के पतिव्रत का सम्मान किया. अपने पति मेघनाथ का सिर वापस ले कर सुलोचना उसके साथ ही सती हो जाती है।
रामलीला संचालन समिति के सदस्य भवानी शंकर नीरज ने बताया की कल को रामलीला मैदान में विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा जिसमें रावण वध तथा अग्नि परीक्षा आदि की लीला का मंचन होगा, रावण पुतला दहन तथा बाहर से आए आतिशबाज द्वारा सुंदर आतिशबाजी का भी प्रदर्शन किया जाएगा। सभी धर्म प्रेमी जनता से रामलीला कमेटी यह आग्रह करती है कि कल के पर्व में बहुत अधिक भीड़ होने की संभावना है अतः सभी लोग सावधानी पूर्वक श्री रामलीला मंचन देखने के लिए रामलीला मैदान में आएं।
आज की लीला में भारत विकास परिषद् शाखा हल्द्वानी, एक समाज श्रेष्ठ समाज तथा साहू महिला समिति ने सेवा दी।
संचालन समिति सदस्य वेद प्रकाश अग्रवाल, बिंदेश गुप्ता एन बी गुणवंत विवेक कश्यप अतुल अग्रवाल, भोलानाथ केसरवानी ,विनीत अग्रवाल , पंकज कपूर आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।
आज अतिथि भगवान सहाय ,भूमेश अग्रवाल, मुकेश पाल, अभिषेक मित्तल, मोहन पाल, अमित अग्रवाल, विजय अग्रवाल, डा निधि गुप्ता, हरी मोहन मोना आदि रहे।