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ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट दी चेतावनी 12 तारीख तक वैक्सीनेटर का तबादला रोक नहीं गया तो वह पशु चिकित्सालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे 

फिलहाल ग्रामीणों ने 12 नवंबर तक अपने धरना और भूख हड़ताल को स्थगित किया

हल्द्वानी।  चोरगलिया के ग्रामीणों द्वारा पिछले दिनों लालकुआं के विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट का भारी विरोध किया

गया था जिसके बाद यह मामला सार्वजनिक हुआ कि क्षेत्र में तैनात पशु चिकित्सालय में वैक्सीनेटर हरीश पंत का तबादला किए जाने से ग्रामीण बेहद नाराज थे।

इसके बाद से ही उन्होंने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। विधायक ने जब ग्रामीणों की नहीं सुनी तो उसके बाद ग्रामीणों का शिष्टमंडल जनप्रतिनिधियों के साथ कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से मिला था जिस पर उन्होंने 5 नवंबर तक वैक्सीनेटर के तबादला रद्द किए जाने की मांग की थी।

जब 5 नवंबर तक कोई फैसला नहीं हुआ तो आज 6 नवंबर को चोरगलिया में जुलूस निकालकर ग्रामीण प्रस्तावित धरना स्थल पर पहुंचे और धरना देना शुरू किया।

इस बीच उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा सहित पशु चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे जिन्होंने जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को बताया कि कुमाऊं आयुक्त के निर्देश पर वैक्सीनेटर के तबादले के मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।

साथ ही जांच कमेटी एक सप्ताह में जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। उसे पत्र की कॉपी भी उप जिला अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा आंदोलनरत ग्रामीणों को दी गई। इसके बाद सभी ग्रामीणों ने 12 नवंबर तक अपने धरना और भूख हड़ताल को स्थगित किया है।

ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्य सहित ग्रामीणों का कहना है की जांच में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए जिस पर प्रशासन ने सहमति जताई।

इसके बाद ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि 12 तारीख तक वैक्सीनेटर का तबादला रोक नहीं गया तो वह पशु चिकित्सालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।

जानकारी के मुताबिक लालकुआं विधायक के विरोध के बाद भाजपा संगठन भी मामले में एक्टिव हुआ है जिला अध्यक्ष की मध्यस्थता में एक बैठक हो चुकी है हालांकि उसे बैठक में कोई निचोड़ नहीं निकला।

भाजपा के पदाधिकारी और समर्थित ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य भी अपने क्षेत्र की जनता के साथ खड़े हैं लिहाजा इस मामले में विधायक के साथ-साथ पार्टी और सरकार की भी किरकिरी हो रही है। हालांकि ग्रामीण और विधायक के बीच इस तनातनी में संगठन भविष्य में क्या पटाक्षेप कर पता है यह आने वाला वक्त बताएगा।

फिलहाल ग्रामीणों का कहना है कि अगर विधायक द्वारा खुद पहल करके वैक्सीनेटर का तबादला रद्द कराकर और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमे को वापस लिए जाने का काम किया जाएगा तो ग्रामीण उनके और विधायक के बीच में हुए इस मामले को यहीं खत्म कर देंगे।

अन्यथा यह मामला आगे तक जाएगा। वही ग्रामीणों ने मौके पर आए उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को विज्ञापन भेजा है और उपरोक्त मामले में मुख्यमंत्री से स्वत हस्तक्षेप कर जनता का पक्ष सुनने की मांग की है।

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