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उच्च न्यायालय ने प्रदेश में अभी तक छात्र संघ चुनाव नहीं कर जाने को लेकर मामले में की सुनवाई 

कोर्ट करार एकलपीठ ने 26 नवम्बर की तिथि नियत की 

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में अभी तक छात्र संघ के चुनाव नही कराए जाने के मामले पर सुनवाई की।

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार को 10 दिनों के भीतर साशनादेश व लिंगदोह कमेटी की सिफारिसों में अंतर स्पस्ट करने को कहा है।

मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट करार एकलपीठ ने 26 नवम्बर की तिथि नियत की है।
आपकों बता दे कि अखिलभारती विधार्थी परिषद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी विवि. सितंबर माह तक एडमिशन पूरा करके छात्र संघ का चुनाव सम्पन्न करा लें।

लेकिन कई विवि ने अक्टूबर माह तक तो छात्रों के एडमिशन कराए हैं, सितंबर माह में चुनाव कैसे हो सकते है। यह आदेश गलत है इसपर रोक लगाई जाय। राज्य सरकार ने लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायलय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि सर्वोच्च न्यायलय के दिशा निर्देश ,लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट व यूजीसी की नियमावली से स्पस्ट है कि हर विश्वविद्यालय का अपना एक शैक्षणिक कलेंडर होगा उसी के आधार पर सभी कार्यक्रम निर्धारित होंगे।

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एडमिशन होने के आठ सप्ताह के बाद छात्र संघ के चुनाव भी होंगे। यहां राज्य सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट, यूजीसी के नियमो व विश्वविद्यालय के नियमावली का उल्लंघन करके एक आदेश पारित कर सितंबर माह तक चुनाव सम्पन्न कराने को कहा है।

जब अकटुबर माह तक एडमिशन हुए है तो सितंबर में बिना छात्रों के चुनाव कैसे सम्भव। राज्य सरकार को यह पावर नही है कि वह किसी भी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कलेंडर निर्धारित करे। यह केंद्र सरकार, यूजीसी को है।

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