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नैनीताल में दो सप्ताह पूर्व टिफ़िन टॉप पहाड़ी पर हुए भूस्खलन होने से प्रशासन ने आवा जाहि पर रोक लगा दी जिसका असर घुड़सवारी पड़ा है

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। दो सप्ताह पूर्व टिफिन टॉप पहाड़ी पर हुए भूस्खलन में डोरोथी सीट पूरी तरह ध्वस्त हो गई। जिसके बाद प्रशासन की ओर से क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही रोक दी है।

जिसका असर बारापत्थर से संचालित होने वाली घुड़सवारी पर पड़ रहा है। दो सप्ताह से घुड़सवारी बंद होने के कारण घोड़ों के लिए चारे और संचालकों पर रोजी रोटी का संकट गहरा गया है।

घोड़ा चालक सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद उमर ने बताया कि वह छह प्वाइंट के लिए घुड़सवारी करवाते है। जिसमें डोरोथी सीट केवल एक प्वाइंट है। जहां भूस्खलन हुआ है उस स्थल से अन्य प्वाइंट लैसडेन, टाइगर टॉप, जीरो प्वाइंट करीब डेढ़ किमी नीचे है।

उन्होंने प्रशासन से आधा मार्ग घुड़सवारी के लिए खुलवाने की मांग की है। यदि मार्ग नहीं खोला गया तो सभी घोड़ा संचालक धरना प्रदर्शन करेंगे।
बता दे कि बीते छह अगस्त की रात टिफिन टॉप पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ था।

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जिसमें पहाड़ी की चोटी पर स्थित ब्रिटिशकालीन डोरोथी सीट पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी। एहतियात के तौर पर प्रशासन की ओर से पहाड़ी पर पर्यटकों की आवाजाही भी रोक दी।

मगर पहाड़ी की तलहटी पर स्थित बारापत्थर से हो रही घुड़सवारी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। रास्ते पर बैरियर लगने से दो सप्ताह से घोड़ो का संचालन नहीं हुआ है।