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लखनऊ। नवकुंभ साहित्य सेवा संस्थान द्वारा निराला सभागार लखनऊ में संस्था के वार्षिकोत्सव पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व वार्षिक पत्रिका नवकुंभ एक संकल्प का विमोचन किया गया।

जिसमें संस्था द्वारा ओखलकाण्डा के सुरंग गाँव निवासी युवा कवि संजय परगाँई को भी आमंत्रित किया गया था और संस्था द्वारा उन्हें साहित्य श्री सम्मान प्रदान किया गया।

कवि संजय साहित्य के लिए समर्पित हैं, जिन्होंने कई मंचों पर कविता पाठ और मंच संचालन किया है। संजय की इस उपलब्धि पर उनके परिजनों और सोशल मीडिया के जरिए कई जनों ने खुशी जताते हुए बधाई प्रेषित की है।

   कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के संस्थापक प्रीतम श्रावस्तवी जी, अयोध्या से पधारी विशिष्ट अतिथि परम श्रद्धेय आचार्या मांडवी अनुचरी जी , मुख्य अतिथि आदरणीय अधिवक्ता संदीप कुमार मिश्रा जी, वरिष्ठ समाज सेविका आदरणीया अर्शिया रहमान जी, समाजसेवी आदरणीय आशुतोष त्रिपाठी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार राही एवं विभिन्न प्रदेशों से आए प्रदेश अध्यक्षों एवं संस्था के समस्त पदाधिकारियों द्वारा दीप जलाकर किया गया।

  कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए वरिष्ठ एवं नवांकुर कवियों ने काव्यपाठ किया। जिसमें कवि संजय ने अपने मुक्तक फरेबों से हुआ रुखसत , तुम्हारा नाम जप कर के , वो नागिन डँसती थी आदि प्रस्तुत किए।

 बताते चलें कि नवकुम्भ साहित्य सेवा संस्थान हमेशा वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मान एवं नवांकुरों को मंच प्रदान करने के लिए संकल्पित है।

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