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 देवभूमि ठेकेदार कल्याण समिति उत्तराखंड के बैनर तले 25 सूत्रीय मांगों के संबंध में बैठक आयोजित।

ठेकेदार गरजे कहा सभी विभागों के आमंत्रित निविदाओं का किया जाएगा पूर्ण बहिष्कार।

रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत

रानीखेत। निर्माणाचार्य कल्याण समिति रानीखेत की देवभूमि ठेकेदार कल्याण समिति उत्तराखंड के बैनर तले 25 सूत्रीय मांगों के संबंध में आज लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में एक बैठक आयोजित को गई।

जिसमे सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती, तब तक समस्त उत्तराखंड में सभी विभागों के आमंत्रित निविदाओं का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।

बता दे कि ठेकेदारो की मांग है कि 10 करोड़ तक के कार्य स्थानीय उत्तराखंड लोगो को ही दिये जाए व 5 करोड़ तक का कार्य सिंगल विट से ही किया जाए। खनन की उपलब्धता स्थानीय स्तर, जहा पर कार्य किया जा रहा।

उन्ही स्थानों पर किया जाए। वही बड़ी निविदाओं को छोटी छोटी निविदाओं में लगाया जाए। पंजीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए, पीसी (डामरीकरण) को प्रत्येक किलोमीटर में लगाया जाए और रुकी हुई जमानत राशि का भुगतान अति शीघ्र किया जाए।

संरक्षक पूरन सिंह मेहरा ने कहा कि आज निर्माणाचार्य पूरे राज्य में इस तरीके से परेशान है कि जैसा संघर्ष उसे अपने पहले के दिनों में करना पड़ रहा था, वही संघर्ष आज यथावत जारी है।

हमने राज्य बनाया था, कि यहा बेरोजगारी को दूर किया जाएगा। पूरे राज्य के अंदर जो 50000 ठेकेदार आज काम पर लगे हुए हैं, उनकी मनोस्थिति पूरे राज्य मे कुछ इस प्रकार कर दी है, कि कही के भी ठेकेदार को जिंदा रहने का हाल नहीं दिया गया है।

पूरे उत्तराखंड राज्य में हमारे साथ इस तरह का न्याय चल रहा है, की हमारी बातों को सुनने के लिए मुख्यमंत्री जी ने अभी तक समय नहीं दिया है। केवल लोक निर्माण सचिव ने समय दिया था, और हमारी वार्ता उनके साथ चल रही है।

उन्होंने कहा है कि पूरे उत्तराखंड के अंदर निर्माणाचार्य की जो भी समस्याएं है, उन्हे लोक निर्माण स्तर पर अनिवार्य रूप से अमल किया जाएगा और यथासंभव उनका निराकरण किया जाएगा।

तत्पश्चात देहरादून में लोक निर्माण विभाग के एचओडी से वार्ता में उन्होंने उन पांच बिंदुओं पर हमें आश्वासन दिया है, पर जब तक हम लिखित रूप से हमारे संज्ञान में नहीं आ जाती, और जब तक मुख्यमंत्री जी उत्तराखंड के लोक निर्माणाचार्य को वार्ता के लिए नहीं बुलाते है।

तब तक पूरे राज्य में निविदाओं का बहिष्कार किया जाएगा। वही आपदा में लगी सभी जेसीबी का कार्य रोक दिया जाएगा। हमें सरकार को चेताना है, और पूरे उत्तराखंड राज्य के ठेकेदारो को एक होना है, और चाहे बहिष्कार 3, 4 या 5 महीना चले, इसे हमें मजबूती से निभाना है।

पूरे राज्य के ठेकेदार संघ को एक होना है, और एक ही बैनर तले इस लड़ाई को आगे तक पहुंचाना है।

इस अवसर पर संरक्षक पूरन सिंह मेहरा, हरीश सिंह मेहरा, अध्यक्ष गोपाल सिंह देव, उपाध्यक्ष संजय सिंह बोरा, कोषाध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह, सचिव चंद्रशेखर पांडे, प्रकाश चंद्र सिंह नेगी, उप सचिव देवेंद्र सिंह, कुमाऊं प्रतिनिधि दीप सिंह मेहरा सहित अन्य ठेकेदार उपस्थित रहे।

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