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घर में शॉर्ट सर्किट से मोबाइल में धमाका हुआ और कमरे में लगी आग

चार बच्चों की मौत,माता-पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच रहे जूझ

मोबाइल से बच्चों को रखे दूर, चार बच्चों के माता-पिता ने सोचा नहीं होगा कि ऐसा होगा हादसा

घर मैं मोबाइल चार्जिंग व बच्चों को फोन देते वक्त रखें ध्यान सावधानी

मेरठ।  मोदीपुरम की जनता कॉलोनी में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां किराए के मकान में रह रहे मजदूर के घर में शॉर्ट सर्किट से मोबाइल में धमाका हुआ और कमरे में आग लग गई। आग लगने से चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि बच्चों के माता-पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

बच्चों को बचाने के लिए जान पर खेल गए दंपती
बबीता और जॉनी ने बच्चों को आग की लपटों से घिरा देखा तो उन्हें बचाने के लिए जान पर खेल गए। बच्चों को बचाने में वे खुद भी गंभीर रूप से झुलस गए। वहीं, परिवार के चारों बच्चों की मौत से परिवार में कोहराम मचा है और कॉलोनी में भी मातम पसर गया है।

जनता कॉलोनी में हुआ यह हृदय विदारक हादसा, जरा सी लापरवाही से हुआ। एक्सटेंशन बोर्ड बेड पर ही रखा हुआ था, बच्चे मोबाइल चार्ज करने के लिए लगा रहे थे, तभी शॉर्ट सर्किट होने से चिंगारी उठी और कपड़ों ने आग पकड़ ली। हंसते-खेले परिवार पर संकट आ गया।

मजबूरी, तड़प और हताशा झुलसे दंपती की आंखों से बह रहे आंसू साफ बयां कर रहे थे। आग में घिरे बच्चों को दंपती ने कमरे से झुलसी हालत में निकाल तो लिया, लेकिन दर्द और जलन से तड़पते बच्चों को सीने से न लगा पाने की टीस मन में ही रह गई।

अस्पताल में पुलिस ने चारों बच्चों सारिका, निहारिका, गोलू और कल्लू को मोदीपुरम के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के दौरान बच्चों की चीख हर किसी के दिल को पिघला रही थी। रोते, बिलखते बच्चों की आवाज सुनकर मां बबीता से भी नहीं रहा गया। बबीता उपचार कर रहे चिकित्सक से बोली, पहले मेरे बच्चों का इलाज करो, उन्हें दर्द से छुटकारा दिलाओ। यह कहते हुए झुलसी हालत में बेबस बबीता रोने लगी।

बच्चों के चिल्लाने पर कमरे की ओर दौड़े
मुजफ्फरनगर जिले के सिखेड़ा निवासी जॉनी व बबीता रसोई में होली के पर्व को लेकर काम कर रहे थे। इस दौरान बच्चे कमरे में बैठकर खेल रहे थे। जॉनी के अनुसार, रसोई में काम करने के दौरान अचानक तेज धमाके व बच्चों के चीखने की आवाज आई, जिस पर वह पत्नी के साथ कमरे की ओर दौड़ा। बताया कि बेड पर आग लगी हुई थी और बच्चे आग में घिरे हुए थे।

आग ने बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया था। बुरी तरह झुलस जाने के कारण बच्चे मदद के लिए उन्हें पुकार रहे थे। बच्चों को झुलसता देख वह अपनी पत्नी के साथ बच्चों को बचाने में लग गए और शोर मचा दिया। पड़ोसियों ने आकर उनकी मदद की और आग पर काबू पाया। घटना के बाद मौके पर परिवार की कुशलता की जानकारी लेने लोग पहुंचे। वहीं, जोनी के सिखेड़ा में रह रहे परिवार को पुलिस ने फोन पर जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलते ही सिखेड़ा से परिजन मोदीपुरम के लिए रवाना हो गए।

मोबाइल से बच्चों को रखे दूर
मोबाइल आज के तकनीकी युग में लोगों के लिए काफी उपयोगी है, लेकिन इसके नुकसान भी है। माता-पिता आज छोटे बच्चों को मोबाइल का आदी बना रहे हैं। बच्चे से बात करने के बजाए उसे मोबाइल में गेम या फनी वीडियो लगाकर दे देते है। बच्चा मोबाइल में क्या कर रहा है ये देखना भी उचित नहीं समझते। गेम के जरिए पैसे हारने के कई मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को हुई घटना भी झकझोर देने वाली है। यदि, जॉनी और बबीता बच्चों से मोबाइल दूर रखते तो यह हादसा नहीं होता।

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