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7.87 करोड़ की लागत से सात स्टाफ क्वार्टर व एक अतिथि गृह का किया जाएगा निर्माण।

रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत

रानीखेत।  क्षेत्रीय आयुर्वेदीय अनुसंधान संस्थान, थापला, रानीखेत मे स्टाफ क्वार्टर व अतिथि गृह का शिलान्यास डॉक्टर मुंजपरा महेन्द्रभाई कालूभाई, राज्य मंत्री, आयुष मंत्रालय एवं महिला व बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के कर कमलों द्वारा वैद्य प्रोफेसर रबिनारायण आचार्य, महानिदेशक, सी.सी.आर.ए.एस., नई दिल्ली की गरिमामयी उपस्थिति में आनॅलाइन माध्यम से किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर एन. श्रीकांत, उप महानिदेशक, सी.सी.आर.ए.एस., नई दिल्ली, डॉक्टर टी. माहेश्वर, सहायक निदेशक (आयु.) सी.सी.आर.ए.एस., नई दिल्ली व डॉक्टर अचिंत्य मित्रा, प्रभारी सहायक निदेशक, आर.ए.आर.आई, रानीखेत द्वारा भूमि पूजन कर 07.87 करोड़ की लागत से बनने वाले सात स्टाफ क्वार्टर व एक अतिथि गृह का शिलान्यास किया गया। तत्पश्चात संस्थान द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला मे मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर जी. सी. जोशी, पूर्व प्रभारी अनुसंधान अधिकारी, आर.ए.आर.आई., थापला एवं डॉक्टर ललित मोहन तिवारी, निदेशक कुमाऊं विश्वविद्यालय मौजूद रहे। वक्ताओ ने संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ के बारे मे विस्तार से बताया।

कार्याशाला में उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न महाविद्यालय व विश्वविद्यालय से लगभग 50 प्रवक्ता, वैज्ञानिक, अनुसंधान कर्ता व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

मुख्य अतिथि डॉक्टर एन. श्रीकांत ने बताया कि केंद्रीय अनुसंधान और आयुर्वेदिक विज्ञान परिषद 1964 से अनुसंधान कर रहे है, और 1972 में रानीखेत में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान स्थापित किया गया, और 2012 से थापला में अधिकृत भूमि पर इस अनुसंधान का भवन बनाया गया।

उन्होने बताया कि इस अनुसंधान में विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण और संरक्षण की प्रक्रिया होती है। जैसे कि मेडिको एथनो बोटेनिकल सर्वेक्षण के अंतर्गत भारतीय औषधियों के उत्पादन, संरक्षण और देखरेख का कार्य किया जाता है।

डॉक्टर एन. श्रीकांत ने कहा कि इसके अतिरिक्त आयुष मंत्रालय के इस अनुसंधान केंद्र में पंचकर्मा और ओपीडी आयुर्वेदिक सेवा भी दी जा रही है। उन्होने यह भी बताया कि केंद्रीय परिषद के 30 अनुसंधान केंद्रों में से एक रानीखेत का यह केंद्र भी है।

आज यहां पर स्टाफ क्वार्टर और अतिथि कक्ष का उद्घाटन किया गया। सुदूर क्षेत्र होने के कारण यहा पर रहने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। स्टाफ और अनुसंधान अधिकारियों के अलावा कभी कोई शोधकर्ता आये या फिर सेमिनार का कार्यक्रम हो तो कक्ष की आवश्यकता अधिक हो जाती है।

इस अवसर पर डॉक्टर गजेंद्र राव, अनुसंधान अधिकारी (वन.), डॉक्टर दीपशिखा आर्य अनुसंधान अधिकारी (वन.), डॉक्टर तरूण कुमार, अनुसंधान अधिकारी (आयु) डॉक्टर पंकज पाण्डेय, सलाहकार (आयु.) और डॉक्टर निरंजना भट्ट, सलाहकार (आयु.) सहित संस्थान के अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर निरंजना भट्ट ने किया।

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