आधुनिक शिक्षा के साथ ही छात्रों को भारतीय पारंपरिक ज्ञान, परंपरा और संस्कृति से भी जोड़े रखने के लिए राज्य में गुरुकुलों की तर्ज पर हर जिले में एक-एक आवासीय मॉडल स्कूल बनाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा भवन स्थित अपने कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों का आवासीय स्कूलों का खाका तैयार करने के निर्देश दिए। छठी से लेकर 12वीं क्लास तक के इन विशिष्ट प्रकार के स्कूलों में एडमिशन के लिए भी मानक तय किए जाएंगे।
बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों के सम्पूर्ण डेटा के रख-रखाव के लिए मानव सम्पदा पोर्टल बनाने का निर्णय किया गया है। इसमें सभी कार्मिकों की सम्पूर्ण सेवा काल का लेखा-जोखा सुरक्षित रहेगा।
अधिकारियों को इसकी तैयारी के निर्देश दे दिए गए हैं। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षकों एवं कार्मिकों के तबादले भी ऑनलाइन किए जाएंगे। इसके लिए लिए सभी कार्मिकों का डेटा एक ही प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध होना जरूरी है। मानव सम्पदा पोर्टल एक बेहतर विकल्प है।
इसकी मदद से पहल भर में ही किसी भी कार्मिक का सम्पूर्ण सेवा काल का ब्योरा देखा जा सकेगा। इससे तबादला और पदोन्नति में पारदर्शिता तो रहेगी, साथ ही समय की भी बचेगा।
डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में एनसीसी विस्तार योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक के एक विद्यालय एनसीसी की इकाई खोली जाएगी, जिसके लिए अधिकारियों को विद्यालय के चयन के निर्देश दे दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, ”मॉडल आवासीय विद्यालय में गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही पारम्परिक शिक्षा एवं भारतीय संस्कृति का समावेश देखने को मिलेगा।
इसके लिए विद्यालय के पास पर्याप्त भूमि एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का होना जरूरी होगा। इन विद्यालयों में कक्षा छह से 12 तक के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।”