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रानीखेत। 6 सितम्बर 2014 को चौकुनी ग्राम मै एक 40-45 वर्ष का युवक बिमार अवस्था में ग्रामवासियों ने देखा, कुछ युवकों ने उसे रानीखेत चिकित्सालय में भर्ती करा दिया, उसके गले में इनफेक्शन था, अस्पताल में वह अपना नाम राजू बता पा‌या।

उसके बाद यह बोल भी नहीं पाया, पूरा पता लिखाने का काफी प्रयास किये। मगर लिख भी नही पाया।

इलाज के दौरान उस‌की मृत्यु हो गयी, पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को शिनाख्त के लिए  72 घंटे रखा गया मगर शिनाख्त नही हो पायी।

मानवता का परिचय देते हुए सतीश चन्द्र पाण्डेय (समाजसेवी) ने अपनी टीम के साथ शव का हिन्दू-रितिरिवाज से स्थानीय मुक्तिधाम मै दाह संस्कार करे एक मिसाल कायम की ।

याद रहे विगत २५ वर्षो से समाजसेवी सतीश चन्द्र पाण्डेय गरीब, असहाय, व लावारिशों की अत्योष्ट निःस्वार्थ करते आये है।

अभी भी वह ‘यह सेवा जारी आगे रखेगे। मूसलाधार बारिश में शव की अन्त्येष्टि की। काफी परेशानीयों आयी, मगर उनकी टीम ने हिम्मत नही हारीं।

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