कड़कड़ाती ठंड से राहत नहीं, अभी घने कोहरे से भी निजात नहीं, इन क्षेत्रों में 25 जनवरी से बारिश के आसार
उत्तर भारत के कुछ हिस्सों को गला देने वाली ठंड से मामूली राहत मिली है। हालांकि, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में कड़ाके की ठंड की स्थिति बनी हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अभी घने कोहरे से भी चार-पांच दिन राहत नहीं मिलने वाली है। हिमाचल प्रदेश समेत पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 25 जनवरी के बाद से कम से कम तीन दिन तक हल्की बारिश और बर्फबारी की भी संभावना है। घने कोहरे के कारण सोमवार सुबह भी रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन उसकी तीव्रता कुछ कम दर्ज की गई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में दो दिनों से धूप खिलने से मौसम में कुछ गर्माहट महसूस की जा रही है लेकिन, पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में अभी कड़ाके की ठंड की स्थिति बनी हुई है। पंजाब के बठिंडा में सबसे कम 4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। गुरदासपुर में रात को ज्यादा ठंड महसूस की गई और पारा गिरकर 4.5 डिग्री पर आ गया था। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और नारनौल में सबसे ज्यादा ठंड रही। सिरसा और फतेहाबाद प्रत्येक में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री रहा।
कश्मीर में शीतलहर
मैदानी इलाकों से उलट जम्मू-कश्मीर में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। कश्मीर घाटी के ज्यादातर इलाकों में शीतलहर चल रही है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से 7.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। घाटी में ये दोनों शहर सबसे ज्यादा ठंडे रहे। कश्मीर में रात के पारे में फिर गिरावट आई है। श्रीनगर में रविवार की रात का पारा सामान्य से 3.0 डिग्री गिरकर माइनस 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पहलगाम में माइनस 6.9 और गुलमर्ग में माइनस 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा। जम्मू में सोमवार दिनभर कोहरे के साथ बादल छाए रहने से कड़ाके की ठंड से कोई राहत नहीं मिल पाई है।
23 ट्रेनें देरी से चलीं, उड़ानें भी प्रभावित
घने कोहरे के कारण देश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आने वाली कम से कम 23 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से पांच घंटे से अधिक की देरी से चलीं। रेलवे ने बताया कि रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस सबसे ज्यादा 5:45 घंटे की देरी से चली। अमृतसर-नांदेड़ एक्सप्रेस भी करीब साढ़े पांच घंटे देर रही। इसके अलावा देर से चलने वाली ट्रेनों में डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, बंगलूरू-निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल भी शामिल थीं। दृश्यता कम होने से उड़ानों पर असर पड़ा और दिल्ली से आने और जाने वाली कई उड़ानें अपने तय समय से देर हुईं।