एक तरफ बेटी के विवाह की शहनाई गूंज रही थी, दूसरी ओर पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत से कर रहे थे संघर्ष संघर्ष
चंपावत। सुई गांव से एक दुःखद घटना सामने आ रही है। दुल्हन बनी बेटी अपने पिता का आर्शिवाद तक नहीं ले पाई। एक तरफ बेटी के विवाह की शहनाई गूंज रही थी, पूरा खुशनुमा माहौल था। दूसरी ओर पिता दीपक जोशी चंपावत के जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे थे।
सुई गांव निवासी दीपक जोशी की 3 बेटियों में सबसे छोटी बेटी सुनीता का रविवार को विवाह होना था। इससे पहले ही दुल्हन के पिता का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया, जिसे लोहाघाट भर्ती कराया गया।
स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उन्हें घर ले आए। बारात के दिन ही सुबह उनका स्वास्थ्य फिर बिगड़ गया। उन्हें जिला अस्पताल चंपावत में भर्ती किया गया। डाक्टरों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया। डॉक्टरके आर्थिक प्रयासों के बावजूद भी उनकी जान नहीं बताई जा सकी।
देवीधुरा से बारात सुई गांव में आ गई, जब बेटी सुनीता निर्मल के साथ फेरे ले रही थी, उसी वक्त पिता ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
दुल्हन के परिजनों ने सूझबूझ से काम लिया तथा दुल्हन के पिता की मौत की खबर को किसी को नहीं बताया गया, जैसे ही बारात विदा हुई तब परिवारजनों को उनकी मौत की खबर लगी।
दुल्हन को पिता की मौत की खबर ससुराल में जाकर दूसरे दिन मिली। वहीं दीपक का सोमवार को रामेश्वर घाट में अंतिम संस्कार किया गया।