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किच्छा। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मलपुरा में बुधवार को दो बच्चे गांव के पास से बरोर नदी में नहाते समय डूब गए। वहां मछली का आखेट करने गए युवकों ने एक बच्चे को डूबा देख गांव के लोगों को सूचना दी।

इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने दोनों बच्चों को बाहर निकाला और सीएचसी किच्छा में लेकर पहुंचे जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार आतिफ मलिक (9) पुत्र फैसल मलिक और फैजान (9) पुत्र अफरोज मलिक गांव के पास बरोर नदी में नहाने गए थे। इसी दौरान वह गहरे पानी में चले गए और डूब गए।नदी में मछली पकड़ रहे युवकों ने एक बच्चे को पानी में उतराया देखा तो गांव के लोगों को सूचना दी।

इस पर नदी किनारे ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और दोनों बच्चों को बाहर निकाला। ग्रामीण दोनों को सीएचसी लेकर पहुंचे जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद परिजन दोनों के शव घर ले गए। सूचना पर कोतवाली से एसएसआई विनोद जोशी गांव मलपुरा पहुंचे और शवों का पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए रुद्रपुर भेजा। दो बच्चों की मौत से गांव में मातम पसर गया।
वहीं तहसीलदार गिरीश चंद त्रिपाठी ने बताया कि पटवारी की सूचना पर उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर पूरी घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी है। बताया कि लालपुर से आने वाली नदी में कई जगह घुमावदार मोड़ हैं जिसके चलते नदी कई जगह गहरी है।

आतिफ कक्षा चार और फैजान कक्षा तीन का था छात्र
किच्छा। परिजनों ने बताया कि आतिफ आजादनगर के फोनेक्स स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ता था जबकि फैजान लालपुर के एक स्कूल में कक्षा चार का छात्र था। बताया गया कि स्कूल में अवकाश होने के चलते दोनों बच्चे घर पर ही थे। दिन में गर्मी होने के चलते वह नदी में नहाने गए और हादसे का शिकार हो गए।

एक सप्ताह में दूसरी घटना से लोग स्तब्ध
किच्छा। एक सप्ताह में दूसरी बार नदी में डूबने से चार बच्चों की मौत से लोग स्तब्ध हैं। वहीं परिवार के लोग ईद मनाने की तैयारी में जुटे थे लेकिन सिरौलीकलां और मलपुरा गांव में हुईं इन घटनाओं से मातम पसर गया है।

चार दिन पहले 24 मार्च 2024 को सिरौलीकलां निवासी मो. साद और उसकी बहन अनम अपनी दादी के साथ घास काटने के लिए गौला नदी के किनारे गए थे। गर्मी अधिक होने पर दोनों गौला नदी में नहाते लगे और इसी दौरान गहरे पानी में दोनों डूब गए थे।

वहीं बुधवार को गांव के बुजुर्ग इश्तेयाक अहमद, शरीफ अहमद मलिक आदि ने बताया कि आम तौर पर गांव के बच्चे इस नदी में नहाने के लिए नहीं जाते हैं। बताया कि इस तरह की यह पहली दर्दनाक घटना है।

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