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 अयोध्या धाम में श्रीरामलला की उनके भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य सोमवार को हो चुका है। मंगलवार से रामभक्तों को श्रीरामलला के दर्शन भी मिलने लगे हैं।

हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। कई देशी और विदेशी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अयोध्या आने वाले समय में न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्डतोड़ वृद्धि दर्ज करने जा रहा है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में चारचांद लग जाएंगे।

इतना ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है। पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अयोध्या राममंदिर का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

हर साल 25000 करोड़ के टैक्स कलेक्शन की संभावना

हाल ही में एसबीआई रिसर्च ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि राम मंदिर और अन्य टूरिज्म सेंट्रिक इनीशिएटिव्स के कारण उत्तर प्रदेश को 2024-25 में 25 हजार करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन होने की उम्मीद है। इसमें अयोध्या सबसे अहम फैक्टर होगा।

राम मंदिर बनने के बाद न सिर्फ उत्तर प्रदेश और देश के अंदर बल्कि दुनिया के कई हिस्सों से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो यहां टूरिज्म को लेकर एक बड़ा बूस्ट साबित होगा। दावा किया जा रहा है कि टूरिज्म में होने वाली वृद्धि से उत्तर प्रदेश इस वर्ष करीब 4 लाख करोड़ रुपए और अमीर हो जाएगा।

प्रतिवर्ष 5 करोड़ श्रद्धालुओं के अयोध्या आने का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या टूरिज्म का एक बड़ा हॉट स्पॉट बनने जा रहा है और यहां एक वर्ष के अंदर 5 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। स्टॉक मार्केट रिसर्च फर्म जेफरीज का दावा है कि हजारों करोड़ खर्च करके अयोध्या धाम में निर्मित नए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, टाउनशिप और रोड कनेक्टिविटी के साथ ही नए होटल्स के निर्माण से यहां का परिदृश्य बदल चुका है।

इससे उत्तर प्रदेश का भारत के मानचित्र पर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में दूसरा स्थान और मजबूत होगा। अयोध्या धाम श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में वेटिकन सिटी और मक्का को भी पीछे छोड़ देगा।

वेटिकन सिटी और मक्का का रिकॉर्ड तोड़ेगा अयोध्या

रिपोर्ट के अनुसार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ अयोध्या धाम की वार्षिक आय में भी वृद्धि होगी। अभी देश में आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी से राज्य को 1200 करोड़ रुपए की आय होती है। तिरुपति बालाजी में हर वर्ष 2.5 करोड़ श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसी तरह वैष्णो देवी में प्रतिवर्ष 80 लाख लोग जाते हैं, जहां से वहां 500 करोड़ रुपए का टूरिज्म बूस्ट मिलता है।

वहीं आगरा ताज महल में 70 लाख लोगों के पहुंचने से 100 करोड़ तो आगरा फोर्ट में 30 लाख लोगों के माध्यम से 27.5 करोड़ रुपए की वार्षिक आय होती है। वेटिकन सिटी और मक्का की बात करें तो मक्का में प्रति वर्ष 2 करोड़ लोग आते हैं, जिससे सऊदी अरब को 12 बिलियन डॉलर की वार्षिक आय होती है, जबकि वेटिकन सिटी में 90 लाख लोग प्रतिवर्ष आते हैं जिनसे 315 मिलियन डॉलर की वार्षिक आय होती है।

प्रतिवर्ष 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आने का अनुमान

एक अन्य अनुमान के अनुसार प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। यह संख्या जल्द ही 3 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रतिवर्ष 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। अयोध्या पहुंचा प्रत्येक श्रद्धालु यदि 2500 रुपए भी खर्च करता है तो केवल अयोध्या की स्थानीय अर्थव्यवस्था में 25000 करोड़ रुपए शामिल होंगे।

यह श्रद्धालु अयोध्या जाते हुए वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर एवं मथुरा में बांके बिहारी मंदिर आदि में भी दर्शन के लिए अवश्य जाएंगे। इस प्रकार, वाराणसी एवं मथुरा की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष लगभग एक लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त खुराक प्रत्यक्ष रूप से मिल सकती है।

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