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पहाडी जिलों में 3 महीने में 256 लोगो को काट चुके हैं कुत्ते और बंदर, 

बागेश्वर। जिले में बंदरों के साथ ही लावारिस कुत्तों की समस्या बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल में रोजाना बंदर और कुत्तों के काटने से पीड़ित इलाज कराने पहुंच रहे हैं।

पिछले तीन महीनों में 256 लोगो को लावारिस कुत्तों, बंदरों और अन्य जानवरों ने जख्मी किया है। अप्रैल के चार दिनों में ही 19 लोग लावारिस कुत्तों के काटने से अस्पताल पहुंचे हैं।

जिले में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बंदर खेती को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ लोगों के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं। घरों और दुकानों के समीप पूरे दिन बंदर डेरा डाले रहते हैं।

नुकसान करने वाले बंदरों को भगाने पर काटने को दौड़ पड़ते हैं। यही हाल नगर में लावारिस कुत्तों का भी है। जानवरों के काटने से जिला अस्पताल में हर दिन दो से तीन लोग रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं।

जनवरी में 82 लोग जिला अस्पताल में बंदर और कुत्ते से काटने पर इलाज कराने पहुंचे थे। फरवरी में संख्या घटकर 65 पहुंची लेकिन मार्च में संख्या बढ़कर 109 हो गई। 89.06 प्रतिशत लोग लावारिस कुत्तों से, 8.2 प्रतिशत लोग बंदरों से तो 2.73 प्रतिशत लोग अन्य जानवरों के काटने से जख्मी हुए हैं।
कोट
जिला अस्पताल में कुत्ते और बंदरों के काटने के मरीजों के इलाज के पुख्ता इंतजाम हैं। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। मरीजों को बंदर और लावारिस कुत्तों से दूरी बनाकर बचाव करने की सलाह भी दी जा रही है।

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