1 अप्रैल से बदल रहे पैसे और टैक्स से जुड़े ये नियम, 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, UPI, GST, क्रेडिट कार्ड रूल्स भी चेंज
आज यानी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो रही है। इसका मतलब है कि आम बजट की घोषणाएं मंगलवार से लागू हो जाएंगी। इस वित्त वर्ष से कई अहम बदलाव हो रहे हैं, जो करदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, उपभोक्ताओं पर सीधा असर डालने वाली हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में नए आयकर स्लैब आएगा। UPI दिशा-निर्देशों के साथ-साथ अन्य बदलाव भी किए। नए आयकर नियम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2025 भाषण में घोषणा की कि प्रति वर्ष 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट दी जाएगी। प्रभावी रूप से 12.75 लाख रुपये का वेतन कर-मुक्त हो जाएगा। नई पेंशन योजना नियम में बदलाव अगस्त 2024 में सरकार द्वारा शुरू की गई एकीकृत पेंशन योजना (UPS) पुरानी पेंशन योजना की जगह लेगी।
सबसे बड़ा बदलाव आयकर व्यवस्था में है। नई कर व्यवस्था लागू होने के साथ ही अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वेतनभोगियों के लिए यह सीमा 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये हो जाएगी। जानते हैं कई अन्य बदलावों के बारे में…
12.75 लाख रुपये तक कमाई करमुक्त
नई कर व्यवस्था में नए स्लैब के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये तक हो जाएगी। 12 लाख रुपये की सीमा के ऊपर की आय पर टैक्स का भुगतान करना होगा।
सरकार ने नई कर व्यवस्था में आयकर कानून की धारा-87ए के तहत छूट की सीमा को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है। यह छूट सुनिश्चित करती है कि सालाना 12 लाख रुपये तक की कमाई पर करदाता के ऊपर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।
टीडीएस : ब्याज से होने वाली कमाई पर ज्यादा बचत
सरकार ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) से ब्याज कमाने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। एक अप्रैल, 2025 से ब्याज आय पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) छूट की सीमा बढ़ा दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर दोगुनी यानी एक लाख रुपये कर दी गई है।
यानी अगर कोई वरिष्ठ नागरिक एक वित्त वर्ष में ब्याज के रूप में एक लाख रुपये तक कमाई करता है, तो बैंक उस पर कोई टीडीएस नहीं काटेंगे। इससे उन वरिष्ठ नागरिकों का काफी फायदा होगा, जो ब्याज आय से अपना गुजारा करते हैं। सामान्य नागरिकों के लिए यह सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी एक अप्रैल से सामान्य नागरिकों को एफडी या आरडी से एक वित्त वर्ष से 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा।
एटीएम से पैसे निकालना महंगा, हर अतिरिक्त निकासी पर 23 रुपये शुल्क
एटीएम से पैसे निकालना एक मई, 2025 से महंगा हो जाएगा। आरबीआई ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव से एटीएम का बार-बार इस्तेमाल करने वाले ग्राहक प्रभावित होंगे, क्योंकि शुल्क वृद्धि से निकासी लागत बढ़ जाएगी।अधिसूचना के मुताबिक, एक मई से ग्राहकों को मुफ्त निकासी सीमा के बाद हर लेनदेन के लिए दो रुपये अतिरिक्त देने होंगे। यानी हर नकद निकासी पर 21 रुपये की जगह अब 23 रुपये शुल्क लगेगा। दरअसल, एटीएम से मुफ्त नकदी निकासी की एक सीमा तय है। मेट्रो शहरों में ग्राहक एक महीने में अपने बैंक के एटीएम से पांच बार और दूसरे बैंक के एटीएम से तीन बार बिना किसी शुल्क के पैसे निकाल सकते हैं। इसके बाद ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
बचत और एफडी पर ब्याज दरों में संशोधन
कई बैंकों ने एक अप्रैल से ही बचत और एफडी खाते के ब्याज दरों में बदलाव करने की घोषणा की है। इसके मुताबिक, खाते में जमा राशि के आधार पर ब्याज दरों का निर्धारण किया जाएगा। यानी खाते में बड़ी राशि रखने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज दिया जा सकता है।
न्यूनतम बैलेंस के सख्त होंगे नियम
बैंकों में न्यूनतम बैलेंस के नियम और सख्त होने जा रहे हैं। एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा समेत कई बैंकों के ग्राहकों को एक अप्रैल से शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना पड़ सकता है। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माना राशि बैंक खाते की श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग होगी। बैंक ग्राहकों को शहरी इलाकों में 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड से जुड़ा ये नियम भी बदलेगा
एसबीआई कार्ड्स ने एक अप्रैल से कुछ लोकिप्रय क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स घटाने की घोषणा की है। सिंपली क्लिक एसबीआई कार्ड यूजर्स को स्विगी पर 10 गुना की जगह सिर्फ पांच गुना रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे। एअर इंडिया एसबीआई प्लैटिनम क्रेडिट कार्ड पर पहले हर 100 रुपये खर्च करने पर 15 रिवॉर्ड पॉइंट मिलते थे, जो घटकर 5 रह जाएंगे। एअर इंडिया एसबीआई सिग्नेचर क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट 30 के बजाय सिर्फ 10 रह जाएंगे। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 31 मार्च, 2025 से क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड के माइलस्टोन बेनेफिट बंद करने जा रहा है।
अपडेटेड रिटर्न की अवधि बढ़ी
अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की समयसीमा बढ़ाकर 48 महीने या चार साल कर दी गई है, जो अब तक 12 महीने थी। 12 महीने के भीतर अपडेटेड आईटीआर भरते हैं, तो 25 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा। 24 महीने में रिटर्न भरने पर 50 फीसदी कर चुकाना होगा। अगर करदाता 36 महीने के भीतर अपडेटेड आईटीआर दाखिल करता है, तो उसे 60 फीसदी अतिरिक्त कर देना होगा। 48 महीने के भीतर यह काम करने पर 70 फीसदी टैक्स लगेगा।
अगर मोबाइल नंबर बंद तो नहीं मिलेंगी यूपीआई की सेवाएं
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई लेनदेन की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नए नियम जारी किए हैं। यह नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं। इसके मुताबिक, अगर आप अपने मोबाइल नंबर का 90 दिनों तक इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो दूरसंचार कंपनी वह नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को दे सकती है। इसका मतलब है कि अगर आपने पुराने मोबाइल नंबर से यूपीआई लिंक किया है और वह नंबर बंद हो गया है, तो आपकी यूपीआई आईडी भी काम नहीं करेगी। यानी आप यूपीआई सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
अप्रैल से महंगा होगा कार खरीदना, ज्यादातर कंपनियों ने की दाम बढ़ाने की घोषणा
अगले महीने यानी अप्रैल से ज्यादातर कंपनियों की कारें महंगी होने वाली हैं। उत्पादन लागत में बढ़ोतरी और परिचालन खर्च बढ़ने के बीच दिग्गज कंपनियों…मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हुंदै और अन्य ने अगले महीने से अपने वाहनों के दाम बढ़ाने की घोषणा की है। देश में यात्री कार खंड की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने अगले महीने से अपने सभी मॉडल के दाम चार प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है। वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारतीय बाजार में प्रवेश स्तर की ऑल्टो के-10 से लेकर बहुउद्देश्यीय वाहन इनविक्टो तक विभिन्न मॉडल बेचती है।
इनकी कीमत क्रमशः 4.23 लाख रुपये से 29.22 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) तक है। मारुति की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हुंदै मोटर इंडिया ने कहा कि वह कच्चे माल और परिचालन लागत में वृद्धि के कारण अप्रैल, 2025 से अपनी कारों के दाम तीन प्रतिशत तक बढ़ाएगी। इसी तरह, टाटा मोटर्स अप्रैल से अपने इलेक्ट्रिक वाहन सहित सभी यात्री वाहनों के दाम बढ़ाने जा रही है।
टाटा मोटर्स इस साल दूसरी बार अपने वाहनों के दाम बढ़ाने की घोषणा की है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा है कि वह अप्रैल से अपने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) और वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करेगी। किआ इंडिया, होंडा कार्स इंडिया, रेनो इंडिया और बीएमडब्ल्यू ने भी अगले महीने से अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
डेलॉयट के भागीदार और वाहन क्षेत्र के लीडर रजत महाजन ने कहा कि भारत में कार विनिर्माता आमतौर पर दो बार कीमतों में बढ़ोतरी करते हैं। एक कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में और दूसरा वित्त वर्ष की शुरुआत में। उन्होंने कहा, ”बढ़ोतरी की सीमा अलग-अलग हो सकती है, यह मुद्रा में उतार-चढ़ाव से संबंधित हो सकता है, जहां हमें समान उत्पाद, वस्तु या कलपुर्जा आयात करने के लिए अधिक खर्च करने की आवश्यकता होती है।” पिछले छह महीनों में, रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे आयात पर अधिक निर्भर क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
इसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन की लागत पर असर पड़ता है। महाजन ने कहा, ”अन्य कारणों में प्रवेश स्तर के वाहनों की मांग में कमी से भी वाहन कंपनियां प्रभावित हुई हैं। खासकर पहली बार के खरीदारों और ग्रामीण ग्राहकों से प्रवेश स्तर के वाहनों की मांग में कमी आई है, जिससे वाहन कंपनियों के मार्जिन पर दबाव पड़ रहा है।” इसके अलावा कारों में नियमित रूप से नए ‘फीचर’ जोड़े जा रहे हैं।
इस वजह से भी कंपनियों को अपनी कारों के दाम बढ़ाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) जानते हैं कि प्रवेश स्तर का खंड मूल्य की दृष्टि से संवेदनशील होता है। ऐसे में वे इस खंड में दाम बढ़ाते समय सतर्कता बरतते हैं। इक्रा कॉरपोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख रोहन कंवर गुप्ता ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी आमतौर पर कैलेंडर/वित्त वर्ष की शुरुआत में की जाती है।