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अभी मौमस बदल रहा है और लोगों को इस बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग पास के मेडिकल स्टोर से सर्दी-जुकाम की दवा खरीदकर खा लेते हैं।

लेकिन इन दिनों बाजार में नकली दवाइयां धडल्ले से बिक रही है। हाल ही में दिल्ली-एनसीआर और गाजियाबाद में पुलिस ने नकली दवाइयां बनाने और सप्लाई करने वाले गिराहों का भांडाफोड़ किया है। लेकिन सवाल यह है कि आम आदमी कैसे पता करे कि वो जो दवा ले रहा है, वह असली है या नकली।

नकली दवा हो सकती है खतरनाक
बता दें कि नकली दवाइयां आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। बाजार में नकली दवाइयां बड़ी मात्रा में बेची जा रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि जब भी आप किसी मेडिकल स्टोर से कोई दवा खरीदें तो सबसे पहले यह जांच लें कि जो दवा केमिस्ट आपको दे रहा है वह असली है या नकली। इसके लिए हम आपको कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे आप असली-नकली दवा की पहचान कर सकते हैं।

ऐसे करें असली और नकली दवा की पहचान
जब आप केमिस्ट के पास जाएं जो दवा वो दे रहा है उस पर क्यूआर कोड होगा। उस क्यूआर कोड़ को अपने मोबाइल से स्कैन करें। इससे उस दवा की पूरी हिस्ट्री आपके सामने आ मोबाइल पर आ जाएगी। अगर किसी दवा पर क्यूआर कोड नहीं है तो उसे ना खरीदें क्योंकि वो नकली दवा हो सकती है।

इन दवाइयों पर होता है क्यूआर कोड
यूनिक क्यूआर कोड वाली दवा के नियमों के बारे में भी जान लें। नियम के मुताबिक 100 रुपये की कीमत से ज्यादा वाली दवा पर क्यूआर कोड जरूर होता है। अगर दवा पर यह कोड नहीं है तो उसे बिल्कुल ना खरीदें। जिन दवाओं पर क्यूआर कोड होते हैं वह एडवांस वर्जन का होता है। इसकी पूरी डिटेल सेंट्रल डेटाबेस एजेंसी के जरिए जारी होती है। अलग-अलग दवाओं पर क्यूआर कोड भी बदला जाता है। स्कैमर्स के लिए नकली क्यूआर कोड भी बनाना मुश्किल है।

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