लगन हो तो सब कुछ संभव, महिला सहायता समूह ने पेश की मिसाल
एलईडी बल्ब बनाकर बड़ी कंपनियों को टक्कर दे रहीं सहायता समूह की महिलाएं
रिपोर्टर – गुड्डू सिंह ठठोला
हल्द्वानी। सरकार महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही है. इसी के तहत हल्द्वानी की गिरिजा बुटीक व महिला विकास संस्था समूह की महिलाएं इन दोनों इलेक्ट्रिक एलईडी बल्ब और एलईडी लाइट तैयार कर इलेक्ट्रिक सामान बनाने वाली कंपनियों को टक्कर दे रही है।
गिरिजा बुटीक एवं महिला विकास संस्था के अध्यक्ष गीता सत्यवली बताया की सहायता समूह की महिलाएं पिछले कई सालों से अलग-अलग उत्पादन तैयार कर स्वावलंबी बन रही है।
इसी के तहत नैनीताल जनपद में पहली बार महिला सहायता समूह को नाबार्ड के माध्यम से एलईडी बल्ब और लाइट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है जिसके तहत करीब 90 महिलाएं एलईडी लाइट और बल्ब का प्रशिक्षण लेकर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन तैयार कर रही हैं।
महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष गीता सत्यवली का कहना है कि अभी पांच, नौ व 12 वाट के बल्ब के अलावा बिजली की माला, नाइट लैंप झूमर बनाने का काम शुरू किया।
उनके द्वारा तैयार किया गया प्रोडक्ट बाजार भाव से कम दामों में इनको बेचा जा रहा है जहां प्रोडक्ट को अन्य कंपनियों की तरह छह माह की गारंटी भी उनके द्वारा दी जा रही है.
सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को15 दिवसीय प्रशिक्षण के तहत इलेक्ट्रिक सामान उत्पादन करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
संस्था द्वारा LED प्रशिक्षण देने का मुख्य उद्देश्य चाइनीज प्रोडक्ट का बहिष्कार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत व लोकल फार वोकल के उद्देश्य को पूर्ण करते हुए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना हैं।
स्वयं सहायता समूह के माध्यम से न केवल स्वदेशी LED उत्पाद बाजार में देखने को मिलेंगें बल्कि महिलायें नये क्षेत्र में उभरकर कार्य करेंगी. नाबार्ड के सहयोग से संस्था द्वारा प्रथम बार ब्लाक हल्द्वानी क्षेत्र में नये विचार के साथ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को एलईडी प्रशिक्षण के नये स्वरोजगार का साथ प्राप्त हो रहा है।
जहां महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादन को मार्केटिंग की व्यवस्था की गई है डीजीएम नाबार्ड सुमेर चंद्र का कहना है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता समूह के माध्यम से उनको प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है जिसके तहत इन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जहां महिलाएं एलईडी बल्ब के साथ-साथ सिलाई कढ़ाई, मोमबत्ती उत्पादन हस्तकला के साथ-साथ उत्तराखंड की लोकल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही।