उद्यान घोटाले में भाई का नाम आने पर विधायक डॉक्टर प्रमोद नैनवाल ने रखा अपना पक्ष।
कहा मेरे खिलाफ रचा जा रहा है षड्यंत्र।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। उत्तराखंड मे लम्बे समय से चल रहा उद्यान घोटाला अब राजनैतिक गलियारों में भी पहुंच गया है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में तमाम आरोपों का जिक्र करते हुए रानीखेत विधायक डॉक्टर प्रमोद नैनवाल का भी जिक्र किया है।
इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कारण माहरा ने भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद रानीखेत विधायक डाँक्टर प्रमोद नैनवाल ने अपना पक्ष रखा।
बता दें की उद्यान घोटाले में पूर्व उद्यान निदेशक एच एस बवेजा पर गंभीर आरोप लगे हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से एच एस बवेजा को उद्यान निदेशक के पद से निलंबित किया गया।
जिसके बाद एसआईटी जांच भी की गई, लेकिन मामला लगातार तूल पकड़ने लगा। इस पूरे मामले पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए और राज्य सरकार को भी इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए।
विधायक प्रमोद नैनवाल ने हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि जो भी पेड़ उन्हें उद्यान विभाग द्वारा मिले है, वह सब नियमों के आधार पर मिले हैं, जिसका प्रमाण पत्र खुद उद्यान विभाग ने दिया है।
उन्होंने कहा कि जो पेड़ उन्होंने उद्यान विभाग से लिए है, वह एक कृषक समिति के तहत दिए गए है, जिसमें सैकड़ों किसान शामिल हैं। यह पेड़ कई एकड़ भूमि पर लगाएं गए हैं, और आज भी सुरक्षित हैं।
डॉक्टर प्रमोद नैनवाल ने कहा कि विभाग का कोई भी अधिकारी जांच कर सकता है, कि जितने भी पेड़ लिए गए थे, उतने लगाए गए हैं या नहीं। उन्होंने आगे बताया कि उनके द्वारा लगाए गए पौधों का लाभ केवल एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी कृषि समिति में मौजूद किसानों को मिल रहा है।
विधायक ने कहा कि इस पूरे केस का मुख्य शिकायतकर्ता दीपक करगेती उनके ही बूथ का निवासी है, जिसने मेरे खिलाफ निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। इस कारण वह मुझमे राजनीतिक द्वेष भावना रखता है। उन्होंने कहा कि दीपक करगेती द्वारा उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है।