भवन, काबीना मंत्री, विधायक, अधिकारियों के 200 से ज्यादा शानदार आवास व फ्लैट और इस्तेमाल बामुश्किल छह दिन ।
करीब 200 करोड़ रुपये खर्च कर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में तैयार किए भवन 365 दिन के साल में 360 दिन बंद ही रहते हैं।
पर्यटन विभाग ने इन 360 दिन के दौरान अरबों रुपये की इस संपत्ति के उपयोग के लिए कारपोरेट डेस्टिनेशन का फार्मूला सुझाया
कारपोरेट घरानों के समय समय पर होने वाले उच्च स्तरीय कार्यक्रमों के आयोजन के लिए गैरसैंण में साल के 360 दिन अनुपयोगी पड़े संसाधनों को बाखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है।
पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार इससे जहां गैरसैंण की संपत्तियों का उपयोग व देखभाल तो होगी।
साथ ही राज्य की आय भी बढ़ेगी। बकौल महाराज, विधानसभा अध्यक्ष को इस बाबत प्रस्ताव दिया गया है।
महाराज के अनुसार बडे कारपोरेट घरानों के आए दिन कार्यक्रम होते रहते हैं। इनमें वर्कशॉप, कांफ्रेस, सम्मेलन आदि शामिल हैं। इनके लिए वो देश केअलग अलग क्षेत्रों में जाते हैं और अच्छी खासी फीस भी अदा कर सकते हैं।
गैरसैंण में कारपोरेट डेस्टिनेशन बनने की पूरी क्षमता है। यहां का शुद्ध प्राकृतिक माहौल सभी को लुभाएगा। इसे हेली सेवा से जोड़कर आसानी से देश के महानगरों में स्थित कारपोरेट घरानों को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बुलाया जा सकता है। इसके एवज में फीस भी मिलेगी।
वर्ष 2014 से अब तक हो चुके हैं नौ सत्र वर्ष 2014 में गैरसैंण के भराणीसैंण क्षेत्र में विधानसभा भवन का निर्माण शुरू हो गया था।
पहले दो साल टैंट और अस्थायी भवन में सत्र के आयोजन के बाद वर्ष 2016-17 में पहली बार विधानसभा के भवन में सत्र का आयोजन हुआ।
वर्ष 2017 में दो दिन, वर्ष 2018 में छह दिन, 2020 में पांच दिन, वर्ष 2021 में छह दिन, वर्ष 2022 और 2023 में चार-चार दिन सत्र हुआ।