उत्तराखंड। जानकारी के मुताबिक खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ भारत सरकार के तल्ख तेवर हैं। एकता और अखंडता के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लोगों पर नकेल कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खलिस्तानी-आतंकियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में छापे मारे हैं। गैंगस्टरों की तलाश में एनआईए ने दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड के करीब 50 इलाकों में छापे की कार्रवाई जारी है। एनआईए की टीम उत्तराखंड की राजधानी में भी एक गन डीलर के यहां पहुंची हैं।
सरकारी जांच एजेंसी एनआईए (NIA) लगातार कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। उत्तराखंड में भी बुधवार को एनआईए ने छापेमारी की है। देहरादून समेत कई शहरों में एनआईए की कार्रवाई जारी है। उत्तराखंड में एनआईए की छापेमारी चल रही है। खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट नामक संगठन को गोली सप्लाई करने के आरोप में बुधवार को एएनआईए की टीम देहरादून पहुंची है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक देहरादून क्लेमेंट टाउन स्थित परीक्षित नेगी के घर सरकारी जांच एजेंसी की टीम और पुलिस ने परीक्षित नेगी को हिरासत में लेकर अपने साथ लेकर चली गई है। एनआईए की टीम ने 7 घंटे की लंबी पूछताछ की और जरुरी दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले लिए हैं।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर बाजपुर एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। वहीं देहरादून टर्नर रोड के पास भी एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। यहां पिछले साल कारतूस का मामला सामने आया था।
देहरादून के गन डीलर परिक्षित नेगी के गन स्टोर से कारतूस ले जाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार था जोकि फिलहाल जमानत पर बाहर है।
उधम सिंह नगर में बाजपुर के ग्राम धंसारा में एनआईए की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ एक घर में छापेमारी की। एनआईए की टीम की छापेमारी से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। वही टीम द्वारा घर में मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि वर्ष 2016 में पंजाब की नाभा जेल में हुए धमाके में बाजपुर के ग्राम धंसारा निवासी आसीम पर आतंकवादियों को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया गया था। जिसके चलते आसीम सजा काट रहा था और चार माह पूर्व कोर्ट से मुकदमे में बरी होकर आसीम अपनी सजा पूरी कर जेल से घर आया था।
वहीं एनआईए की टीम स्थानीय पुलिस के साथ आसिम के घर पहुंची। जहां बंद कमरों में एनआईए की टीम द्वारा आसीम और उसके परिजनों से पूछताछ की जा रही है। वहीं मौके पर बाजपुर सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी सहित पुलिस प्रशासन मौके पर मुस्तैद बना हुआ है।
पिछले साल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को दो हजार कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। अगस्त में हुई इस कार्रवाई में पता चला कि यह कारतूस देहरादून के गन डीलर से खरीदे गए थे। दिल्ली पुलिस ने पड़ताल की तो यहां रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया।
रॉयल गन हाउस पर स्थानीय पुलिस ने भी छापा मारा तो मालूम हुआ कि यह दुकान बीते दो माह से खुली ही नहीं। इस गन हाउस को टर्नर रोड निवासी परिक्षित नेगी चलाता है। प्रशासन ने भी इस दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।