बेरोजगारी के खिलाफ सड़कों पर उतरे कांग्रेसी नेता
पूर्व सीएम हरीश रावत ने बीजेपी से की बड़ी मांग
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है. लेकिन केंद्र और राज्य की सरकार युवाओं के लिए ठोस प्रयास नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर का आंकड़ा 8.8 फीसद हो गया है. वर्ष 2022 में आठ लाख बयासी हजार पांच सौ आठ बेरोजगार युवा रजिस्टर थे, आज की तारीख में सेवा नियोजन कार्यालय का आंकड़ा कहां पहुंच गया होगा? हतीश रावत ने कहा कि बीजेपी चुनाव के समय बैकलॉग पदों पर भर्ती का वादा करती है, लेकिन सत्ता मिलने के बाद वादे को भूल जाती है.
बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल
बता दें कि उत्तराखंड कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर पदयात्रा निकाली थी. पदयात्रा में ‘जुमला नहीं रोजगार दो’, ‘नशा नहीं रोजगार दो’ जैसे नारों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ हल्ला बोला. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से पहले किए गए वादे याद दिलाए। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी ने दो करोड़ सालाना नौकरी देने की बात कही थी. नौकरी का वादा युवाओं के लिए जुमला साबित हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी बीजेपी को आईना दिखाने की बात कही।
खाली पदों पर भर्ती किए जाने की उठाई मांग
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी देश और प्रदेश के लिए बड़ी समस्या बन गई है. सत्ता में बैठे लोगों का ध्यान बड़ी समस्या के निदान की तरफ नहीं है। बेरोजगार नौजवानों के साथ राज्य सरकार छलावा कर रही है. आजीविका की लड़ाई लड़ रहे सैकड़ों संघर्षरत संगठनों को, नौजवान लड़के-लड़कियों को रोने के लिए मजबूर कर दिया गया है। लगभग 200 लड़के-लड़कियां आजीविका की रक्षा के लिए हाईकोर्ट से आस लगाए बैठे हैं। रावत ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने का कारण राज्य सरकार की तरफ से खाली पदों पर बहाली का नहीं होना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 ने आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक विमर्श के महत्वपूर्ण बिंदुओं को लगभग निगल लिया है।
वर्ष 2023 में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त रही है. गरीबी और अमीरी के बीच की खाई लगातार चौड़ी हो रही है। विकास, अग्निवीर, ओल्ड पेंशन स्कीम और उत्तराखंड मांगे नया भू-कानून जैसे प्रश्नों को लगभग निगल लिया है. ऐसा लगता है कि महत्वपूर्ण बिन्दु सार्वजानिक विमर्श के कारक नहीं रहे हैं. क्या 2024 में हम भावनात्मक, आध्यात्मिक प्रश्नों पर उलझे रहेंगे या भौतिकता से जुड़े हुए सवालों को फिर से सार्वजनिक विमर्श में ला पाएंगे।
उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन, उत्तराखंड सबोर्डिनेट पब्लिक सर्विस कमीशन और दूसरे परीक्षा लेने वाले बोर्ड की गतिविधियां शांत हो गई हैं। हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की बात कर सत्ता में आई है। सत्ता में आने के प्रश्नों पर खूब ध्यान लगाकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला सम्मान जैसे प्रश्न विपक्ष के लिए हैं।