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भीमताल।ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन’ मई माह में अब ‘कमल झील’ नौकुचियाताल फूलों से लबालब खिलखिला रही हैं देश-दुनिया से यहाँ आए पर्यटक कमल के फूलों का कर रहें है।

दीदार भीमताल उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश के ‘कुमाऊं की वादियों’ में पर्यटन स्थलों पर सुप्रसिध्द नौकुचियाताल कमल झील पिछले कुछ सालों से विभागीय अनदेखी का शिकार हो रही थी ।

जिस पर कमल झील के सौंदर्य व कमल फूल के अस्तित्व को बचाने की माँग क्षेत्र वासियों, पर्यटन कारोबारियों द्वारा की जा रही थी जिसके चलते पिछले 4,5 वर्षो से मई-जून माह में कमल फूल नहीं खिल पा रहे थे झील कमल के फूलों से वीरान पड़ी हुई थी।

नगर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी बताते हैं कि पौराणिक कमल झील के अस्तित्व को बचाने के लिए उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री, जिला प्रभारी मंत्री, कैबिनेट मंत्री,मुख्य सचिव, पर्यटन सचिव, कुमाऊं आयुक्त, जिलाधिकारी, जिला प्रशासन, झील संबंधित सभी विभागों सबसे माँग कि झील के संरक्षण की, 2016-17 से लेकर अब तक उन्होंने दर्जनों पत्राचार किए, समय-समय पर शासन-प्रशासन को ज्ञापन दिए इस झील को बचाने के लिये, इसके अलावा पंत नगर विश्व विद्यालय तक भी माँग भिजवाई जिसका संज्ञान भी लिया गया।

पूरन द्वारा बार-बार सिस्टम से माँग रखने के उपरांत शासन-प्रशासन हरकत में आया और झील के संरक्षण को जगा विभाग द्वारा झील की सफाई एवं कमल संरक्षण की योजना पर कार्य हुआ और आज मई माह में अधिकांश पूरी तालाब कमल के फूलों से लबालब भरी पड़ी है और इसमें सुन्दर-सुन्दर कमल की पंखुड़ियां खिल खिला रही है।

जिसका इंतजार क्षेत्रवासी एवं झील प्रेमी पर्यटन कई सालो से बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं आखिरकार उनकी मुराद पूरी हुई, क्षेत्रवासियों ने सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी का आभार व्यक्त किया है।

सिंचाई विभाग एवं जिला प्रशासन से इस कमल झील की हर 3 माह में उचित मॉनीटरिंग करने कि माँग की है ताकि झील का स्वरूप दिनो-दिन झील के सौंदर्य को बढ़ाता रहे और झील एवं कमल के फूलों का सही से संरक्षण हो सके ।

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