हल्द्वानी। कल से समृद्ध जोहार महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है। पिथौरागढ़ क्षेत्र के चीन की सीमा से सटे मिलम गलेशियर के जोहार घाटी के रहने वाले वहां के वाशिन्दों द्वारा हल्द्वानी में अपनी संस्कृति का भव्य मंचन किया जाता है।
शनिवार को जोहार घाटी की लोक संस्कृति दर्शाती आकर्षक झांकी के साथ जोहार महोत्सव की रंगारंग शुरुआत होगी। सीमांत क्षेत्र के सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं में अहम पदों पर आसीन जोहार घाटी के लोग जोहार महोत्सव में दूर-दूर से शिरकत करने आते हैं।
साथ ही महोत्सव में जोहार घाटी की लोक कला हस्तशिल्प कला और स्थानीय उत्पादों के स्टॉल भी लगाए जायेंगे।
इधर आयोजकों के मुताबिक जोहार घाटी की संस्कृति के संरक्षण और उसको संजोये रखने के लिए इसका आयोजन हर वर्ष किया जाता है।
3 दिन तक चलने वाले जोहार महोत्सव में स्थानीय लोग और लोक कलाकार लुत्फ लेने को आते हैं। वहीं स्थानीय निवासियों के मुताबिक संस्कृति को आगे बढ़ाने और संजोये रखने केलिहाज से अच्छी पहल है।
मेले में स्थानीय परिधानों, खान पान, पहाड़ो के मसालों से बनाया गया चुख का स्वाद भी यहां के लोगों को निश्चित ही भायेगा।
तीन दिन तक रोज शाम रंगारंग संस्कृति कार्यक्रम भी होंगे जिसमें उत्तराखंड के लोक गायक अपनी प्रस्तुतियां देंगे।