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नैनीताल में फूल देई का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। उत्तराखण्ड में यह लोक पर्व कहीं शक सम्वत्सर के स्वागत के रूप में तो कहीं चैत्र माह की विदाई के रूप में वैशाख एक गते को भी फूल देई के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

फूल धेई भारतीय नव वर्ष के स्वागत का पर्व है। ऋतु परिवर्तन का पर्व है। इस अंचल में सौर मास का प्रचलन है और वह दिन चैत्र मास का प्रथम दिन‌ होने के कारण भारतीय नव वर्ष का आरम्भ दिन भी माना जाता है।

   भारतीय नववर्ष चैत्र प्रतिपदा के स्वागत का पर्व है फूल सग्यान अर्थात फूलदेई। यह लोक पर्व घर के मुख्य प्रवेश द्वार को पूजने का पर्व है, ऋतु परिवर्तन का पर्व है, खुशहाली के आगमन का पर्व है।

हिमालय कि निचली घाटियों में तो इसे यहां राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाते हैं। इस लोक पर्व फूल संक्रांति के दिन इस अंचल में इस दिन नन्हें नन्हें बालक और बालिकाओं के द्वारा पहले अपने अपने घरों में फिर आस पड़ौस मैं जाकर धेई पूजन किया जाता है।

इस अंचल में धेई पूजन के विविध रूप हमें देखने को मिलते है। देई पूजन करते समय इन बालक बालिकाओं के द्वारा बाल गीत भी गाया जाता है – फूल धेई छम्मा देई

दैणी द्वार भर भकार

यौ देली सौ नमस्कार…….

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