देवउठनी एकादशी को लेकर जगह-जगह हुए आयोजन, भजन-कीर्तन से गुंजायमान रहे मंदिर
शंकर फुलारा -संपादक
हल्द्वानी। देवउठनी एकादशी को देवोत्थानी एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व है। देवउठनी एकादशी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है।
बता दें कि देवोत्थानी एकादशी के दिन चातुर्मास भी समाप्त हो जाएंगे। दरअसल, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत हुई थी। ये चातुर्मास कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तक होते हैं।
चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु का शयनकाल होता है इन चार महीनों के दौरान विवाह आदि सभी शुभ कार्य बंद होते हैं। चूंकि 23 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को चातुर्मास सम्पूर्ण हो जाएंगे। अत: इस दिन से शादी-ब्याह आदि सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे।