उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने में ऑगर मशीन की राह बाधित होने के बाद अब एक साथ पांच योजनाओं पर काम शुरू किए जाने की तैयारी है। इसके तहत फंसी ऑगर मशीन को बाहर निकालने का काम भी तेजी से जारी है।
सिलक्यारा की सुरंग में फंसी 41 जिंदगियों को बचाने के काम में दिनरात जुटी एजेंसियों का सबसे ज्यादा फोकस अब भी ऑगर मशीन के रास्ते पर ही है।
इस क्रम में सबसे पहले पाइप में फंसी ऑगर मशीन को बाहर निकाला जाना है। इसके बाद आगे की खुदाई मैनुअल तरीके से करके श्रमिकों तक पाहुचा जाना है। अन्य विकल्पों में तीन स्थानों से वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है।
इसके तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू भी कर दी गई है। दो अन्य स्थानों के लिए भी काम चल रहा रही है। सुरंग के दूसरे छोर बानि बड़कोट साइड पर भी बचाव कार्य लगातार जारी है।
यहां टीएचडीसी ने चार विस्फोट कर 10.7 मीटर रास्ता बना लिया है। यहां दो मीटर चौड़ाई का पाइप 483 मीटर दूरी तक बिछाया जाना है।
इस संबंध में सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद ने रविवार को बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब एक स्वाथ कई प्लानिंग पर काम चल रहा है।
रविवार से सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। 19.2 मोटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जा चुकी है। यहां 86 मीटर ड्रिलिंग की जानी है।