ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

भाजपा सरकार द्वारा 50 लीटर शराब से मिनी होम बार खोलने जाने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध कर पन्तपार्क में भाजपा सरकार का फूंका पुतला 

रिपोर्टर- गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति 2023-24 में शराब के शौकीनों के लिए व्यक्तिगत उपयोग के लिए मिनी होम बार खोलने का लाइसेंस देने का प्रावधान जारी किया है।

जिसके चलते सरकार ने 50 लीटर शराब और बियर घरों में रखने को लेकर मंजूरी दे दी है जिसको लेकर उत्तराखंड की राजधानी से एक व्यक्ति ने आवेदन भी किया। वही अब कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के इस फैसले का प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आई हैं ।

वहीं शनिवार को पंत पार्क में एकत्रित होकर कांग्रेस की प्रदेश महिला उपाध्यक्ष मुन्नी तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धामी सरकार का पुतला फूंका गया साथ ही हर घर में 50 लीटर शराब रखे जाने व बार की तरह इस्तेमाल किये जाने का जमकर विरोध करते हुए नारेबाजी की।

कॉंग्रेस की प्रदेश महिला उपाध्यक्ष मुन्नी तिवारी ने कहा कि धामी सरकार दर-दर भटक रहे युवाओं को रोजगार तो दे नही पा रही लेकिन शराब की नदियां बहा रही और युवाओं का भविष्य शराब के नशे में धकेल रही है।

ताकि भाजपा के कारनामो को सब भूल जाये। कहा कि भाजपा सरकार पहाड़ को बर्बाद करने में लगी हुई है विकास के नाम पर उत्तराखंड को केवल बेवफुफ बनाया जा रहा है।

एक तरफ महंगाई, बेरोजगारी, अपनी चरम सीमा पर पहुच गई है लेकिन सरकार उसके खिलाफ कोई बात नही कर रही वही जब युवा किसी मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाना चाहते है तो उन पर लाठियां बरसाई गई।

अब सरकार युवकों को शराब पिलाकर बेहोश करना चाहती है ताकि युवा अपने लक्ष्य से भटक जाए और सरकार की मनसा पूरी हो जाये। कहा कि प्रदेश की धामी सरकार ने हर घर मे मिनी बार के लिए 50 लीटर शराब रखने को लेकर मंजूरी दे दी है।

यानी हर घर मे 70 बोतल शराब रखी जा सकती है उस से अधिक उत्तराखंड के लिए विनाश की बात और क्या हो सकती है यह बेहद निंदनीय है। जिसका कॉंग्रेस पूर्ण रूप से विरोध करती हैं।

जिसके चलते कोंग्रेस कार्यकर्ताओ ने धामी सरकार का पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया है।

मौजूद थे मुकेश कुमार बंटू पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी अनुपम काबडवाल,मुन्नी तिवारी, सरस्वती खेतवाल,त्रिभुवन फर्त्याल, विमल चौधरी,कैलाश अधिकारी,सिद्धार्थ टंडन,जितेंद्र शाह, आदि कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे।

यह भी पढ़ें :  छात्रसंघ चुनाव में देरी की क्या है असली वजह-कौन जिम्मेदार?
error: Content is protected !!