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कुमाऊँनी बोली भागवत कथा के संयोजक जितेंद्र मेहता के पिता का नृत्य करते वक्त पड़ा दिल का दौरा पड़ने से निधन

हल्द्वानी। पार्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर में सात दिवसीय कुमाऊनी बोली भागवत कथा का आयोजन शुरू हो गया था, कलश यात्रा के दौरान जितेंद्र मेहता के पिता राम सिंह मेहता अपने सिर में भागवत को लेकर कथा यात्रा में चल रहे थे, करीब 3-4 किलोमीटर से अधिक चलने के बाद वह हीरानगर पहुंचे तो मंच पर व्यास जी विराजमान हुए ।

इस दौरान भगवान के भजनों में नृत्य होने लगा तो राम सिंह मेहता भी नृत्य करने लगे। इसी बीच अचानक उन्हें चक्कर आया और वह नीचे गिर पड़े तो लोगों में उन्हें देखकर हड़कंप मच गया।

उन्हें उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह उठ नहीं पाए। उनके हृदय को दबाव देकर पंप करने की भी कोशिश की गई, सब कोशिशें बेकार हुई।

उन्हें गाड़ी में सीधे साई हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना था कि ऐसी मृत्यु भी भगवान की देन है कि व्यक्ति भगवान का यह नाम लेते हुए नृत्य करते हुए ही स्वर्ग लोक सिधार जाये।

राम सिंह मेहता की मृत्यु का समाचार जिस किसी ने भी सुना वह  स्तब्ध रह गया। उनकी मृत्यु पर शोक छा गया है। वह अपने पीछे 2 पुत्रों और 1 पुत्री का भरा पूरा परिवार छोड़कर चले गए हैं।

राम सिंह मेहता के बारे में यह बताया जाता है कि वह काफी धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे तथा हर साल वह अपने घर में कथा का आयोजन भी करते थे।

इस बार उनके पुत्र जितेन्द्र मेहता ने कुमाऊनी बोली में भागवत कथा का आयोजन करने का बीड़ा उठाया था। जिसकी शुरुआत आज हो गई थी। कलश यात्रा के बाद लोग कथा स्थल हीरानगर पर पहुंच गई थे। यहीं पर भगवान के कीर्तन पर वह नृत्य कर रहे थे। अचानक उन्हें चक्कर आ गया वह नीचे गिर गए माना जा रहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आ गया था।

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