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3 सहायक अध्यापकों के भरोसे कक्षा छह से 12 वीं तक की 11 कक्षाओं का संचालन

अभिभावकों ने शिक्षकों की तैनाती न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी 

पिथौरागढ़। जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई है। बगैर प्रवक्ताओं के संचालित हो रहा मुनस्यारी विकासखंड का जीआईसी धामीगांव इसका प्रमाण है। यहां एक भी प्रवक्ता नहीं है।

विद्यालय में सिर्फ तीन सहायक अध्यापक 11 कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं।
हिंदी, विज्ञान समेत सभी विषयों का ज्ञान बांटने की जिम्मेदारी सिर्फ इन्हीं सहायक अध्यापकों पर है। ऐसे में विद्यार्थी परेशान हैं तो अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

जीआईसी धामीगांव में इंटर में हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, भूगोल, रसायन, जीव और भौतिक विज्ञान विषयों का संचालन हो रहा है। विभाग ने विद्यार्थियों को इन विषयों में प्रवेश तो दे दिया लेकिन प्रवक्ताओं की तैनाती नहीं की गई है।

पहले से ही सात में से चार प्रवक्ताओं के पद रिक्त थे। कुछ दिन पूर्व यहां तैनात तीन प्रवक्ताओं को अटल उत्कृष्ट विद्यालय में समायोजित कर दिया गया। ऐसे में विद्यालय प्रवक्ता विहीन हो गया है और इंटर के विद्यार्थियों पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं।

विद्यालय में तैनात एलटी संवर्ग के तीन सहायक अध्यापकों के भरोसे कक्षा छह से 12 वीं तक की 11 कक्षाओं का संचालन हो रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि विद्यार्थियों को अपने विषयों का ज्ञान कैसे मिल रहा होगा और बगैर शिक्षकों के उनके सपने साकार कैसे होंगे।

जीआईसी धामीगांव में प्रवक्ताओं के तो सभी पद रिक्त हैं। एलटी संवर्ग में भी विद्यार्थियों को हिंदी, कला और गणित का ज्ञान देने के लिए शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में यहां पढ़ने वाले 100 से अधिक विद्यार्थी परेशान हैं।

अभिभावकों ने शिक्षकों की तैनाती न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी 

बच्चों के भविष्य की चिंता लिए क्षेत्र के अभिभावक 130 किमी दूर जिला मुख्यालय पहुंचे और मुख्य शिक्षा अधिकारी को शिक्षकों की तैनाती की मांग पर ज्ञापन दिया।

उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से छात्र संख्या नहीं बढ़ रही और ये बंद हो रहे हैं। फिर भी विभाग और सरकार शिक्षकों की तैनाती नहीं कर रही।

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