सड़कें गड्ढामुक्त न होने पर 7 इंजीनियरका वेतन रोका
बागेश्वर। समय सीमा के भीतर जिले की सड़कों को गड्डामुक्त नहीं कर पाने पर डीएम अनुराधा पाल ने 7 अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। डीएम ने लोनिवि समेत विभिन्न विभागों के अधिशासी अधियंदाओं को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।
अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोकने की सिफारिश भी की है। डीएम के सख्त रवैये से अधिकारियों में खलबली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 30 नवंबर तक प्रदेश भर में सभी सड़कों को गट्टामुक्त करने के निर्देश दिए थे। साथ ही हिदायत दी थी कि यदि समय सीमा के भीतर सड़कों पर यह कार्य नहीं किया गया तो जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के आदेश के बाद डीएम ने समय सीमा के भीतर सड़कों का निरीक्षण किया। इनमें अधिकतर सड़कों पर गड्डे मौजूद पाए गए। इस पर उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए यह कार्रवाई की है।
28 फॉरेस्टर में से 24 ने ज्वाइनिंग ले ली है। विभाग को तकनीकी और विज्ञान पृष्ठभूमि से होने के कारण इन नए फॉरेस्टरी से काळी उम्मीदें भी है। बागेश्वर जिला फॉरेस्टरों की कमी से जूझ रहा था।
जंगल में लगी आग बुझाने से एमटेक की पढ़ाई करने के बाद छात्र पहले जहां ऊंचे वेतन पर मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करना चाहते थे वहीं अब निजी क्षेत्र में अनिश्चितता के कारण ऐसे छात्रों का रुझान सरकारी नौकरी की तरफ बढ़ा है।
विदेश जाने के बजाय गांव में सेवा देना पसंद कर रहे हैं। उम्मीद है उच्च और तकनीकी शिक्षा प्राप्त इन अधिकारियों की तैनाती से वन विभाग को लाभ मिलेगा। वहीं समाज में भी वनों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी।
डीएम ने ईई लोनिवि बागेश्वर धन सिंह कुटियाल, ईई लोनिवि कपकोट अमित कुमार पटेल, ईई लोनिवि रानीखेत महेंद्र कुमार, इकाई प्रभारी पीआईयू बिडकुल गरुड़ मंजीत देशवाल, स्थानिक अभियंता वाप्कोस पीआईयू कपकोट विशन लाल, ईई पीएम जीएसवाई बागेश्वर विजेंद्र कुमार एवं अमरीश रावत ईई पीएम जीएसवाई कपकोट को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ अग्रिम आदेश तक वेतन पर रोक लगाने की सिफारिश की है।
इसकी सूचना संबंधित अभियंताओं के साथ ही सचिव लोनिवि कुमाऊं कमिश्नर एवं संबंधित अभियंताओं के उच्च अधिकारियों को भी दे दी गई है। डीएम ने बताया कि जब तक उन्हें संबंधित अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र की सड़कों को गङ्गमुक्त करने के बाद रिपोर्ट नहीं देंगे, तब तक उनके वेतन आहरण पर रोक प्रभावी रहेगी।
लोगों को जागरूक करने तक तमाम कार्यों में विभाग में कर्मचारियों- अधिकारियों की कमी साफ दिखाई पड़ती है। लबे इंतजार के बाद जिले को 28 नए फॉरेस्टर मिले हैं।
इनमें 24 ने अभी तक ज्वाइन कर लिया है। इनमें से अधिकतर एमटेक, बीटेक पास अधिकारी शामिल है। लाखो रुपये खर्च कर वन विभाग को मिले तकनीकी दक्ष फॉरेस्टर बागेश्वर। जिले में पहली बार वन विभाग को बीटेक एमटेक पास फौरिस्टर मिले